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वैज्ञानिकों की आशंका, पृथ्वी से जल्द टकरा सकता है कोई एस्टेरोइड
By Deshwani | Publish Date: 22/6/2017 4:11:42 PM नई दिल्ली, (हि.स.)। वरिष्ठ खगोलविदों का कहना है कि जल्द ही अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर एक आफत बरस सकती है जिससे मानव जीवन को बड़ा खतरा है। क्वीन विश्वविद्यालय बेलफास्ट खगोल भौतिकी अनुसंधान केंद्र के डॉ. एलन फिट्ज़िमनस का कहना है कि सवाल बस इतना है कि निकट भविष्य में यह कब होगा। हम लगातार नए क्षुद्र ग्रहों को खोज रहे हैं। कोई भी हमला दुनिया के बड़े-बड़े शहरों को तबाह कर सकता है और कोई बड़ा एस्टेरोइड तो पूरी तरह दुनिया को खत्म कर सकता है।
साल 1908 में 30 जून के दिन साइबेरिया के तुंगसका में एक छोटे से क्षुद्रग्रह का विस्फोट हुआ था, जिससे वहां के 2000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र का विनाश हो गया था। इस वर्ष 30 जून को लक्जमबर्ग से इस विषय पर लाइव चर्चा की जाएगी। विशेषज्ञों समेत अपोलो 9 के अंतरिक्ष यात्री रस्टी श्वेकार्ट और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के निकोल स्टॉट सहित सोशल मीडिया फॉलोवर्स के सवालों का जवाब देंगे।
इसके पूर्व इस विषय की गंभीरता को प्रकट करते हुए डॉ. एलन ने कहा कि यह जानलेना बेहद आवश्यक है कि वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने पृथ्वी के आसपास घूमते कई एस्टेरोइड का पता लगाया है जो पृथ्वी के लिए खतरा हो सकते हैं। अभी तक 1800 ऐसे एस्टेरोइड खोजे गए हैं लेकिन अभी कई और खोजे जाने बाकी हैं। वैज्ञानिक लगातार नए खोज रहे जिनमें से ज्यादातर खतरनाक नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगला तुंगसका हमारे लिए आश्चर्य होगा। भले ही आज हम बड़े क्षुद्रग्रहों को खोजने में ज्यादा बेहतर हैं लेकिन हम उनके बारे में कुछ करने के लिए तैयार नहीं हैं तो इसका कोई लाभ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि साल 1908 में 30 जून को तुंगस्का घटना हुई थी जिसे किसी धूमकेतु या उल्का की वजह से होना माना जाता है। इसे तुंगुस्का घटना से इसलिए जानते हैं क्योंकि यह तुंगुस्का नदी के किनारे हुई थी। विस्फोट जमीन से 5 या 10 किमी की उंचाई पर हुआ था जिसे किसी उल्कापिंड के जमीन पर टकराने के बजाय हवा में ही फट जाने के कारण हुआ माना जाता है। यह पृथ्वी के ज्ञात इतिहास में अब तक की सब से बड़ी उल्का पिंडीय घटना थी।