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देश के सबसे बड़े सूबे की होगी रायसीना हिल्स पर धाक !
By Deshwani | Publish Date: 19/6/2017 4:10:27 PM
देश के सबसे बड़े सूबे की होगी रायसीना हिल्स पर धाक !

 नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले सूबे उत्तर प्रदेश के लिए अब अपनी माटी से जुड़ा राष्ट्रपति चुनने का सुनहरा अवसर सामने है। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सत्तारूढ़ गठबंधन राजग ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर के निवासी हैं ।

देश के सबसे बड़े सियासी सूबे उत्तर प्रदेश की इस राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका है। भाजपा व सहयोगी दलों समेत 73 सांसद हैं। जबकि सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन के पास 325 विधायक हैं। ऐसे में समझा जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश की लॉटरी लग सकती है।
केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के पास (भाजपा 282 + सहयोगी )336 सांसद हैं। इसके अलावा 13राज्यों में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार है। ऐसे में मतों का आंकड़ा फिलहाल राजग के पक्ष में नजर आ रहा है।
राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद भाजपा के कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वे राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं तथा मौजूदा में वह बिहार के राज्यपाल हैं।
रामनाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर इनकी नियुक्ति हुई। वर्ष 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। कोविंद वर्ष 2000 में पुनः उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
वह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज के भी अध्यक्ष रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे।
कोविंद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। परौख गांव में कोविंद का अपना पैतृक मकान है जिसे बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल हैं जबकि एक अन्य भाई स्वर्गीय शिवबालक राम थे ।
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