नई दिल्ली, (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय की उपेक्षा के कारण, किसान के आंदोलन करने को मजबूर है क्योंकि किसानों के पास खेती करने के सिवाय कोई चारा नहीं है। इस सबके बावजूद न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार किसानों के साथ खेल रही है।
पी चिदंबरम ने रविवार को एक के बाद एक छह ट्विट कर कहा भारत में अधिकतर किसानों के लिए खेती करने के सिवाय कोई चारा नहीं है। देश के कुल जीडीपी में कृषि का हिस्सा गिरते जाने के बावजूद यह रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है। दुर्भाग्य से, इस बुनियादी सच्चाई के प्रति राजग सरकार आंख मूंदे रही है। कृषि मंत्रालय इस सरकार में उपेक्षित रहा है। दूसरी तरफ, न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले पर सरकार ने भयानक पाप किया है।
उन्होंने कहा कि अपने घोषणापत्र में और चुनाव अभियान के दौरान भाजपा ने साफ-साफ वायदा किया था कि वह स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू करेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से पचास फीसद ज्यादा होगा। सरकार में आने पर, भाजपा ने न केवल इस वायदे के साथ दगा किया, बल्कि इन तीन सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य में तर्कसंगत बढ़ोतरी से इनकार करके किसानों को जबर्दस्त चोट पहुंचाई।
दूसरी गंभीर भूल थी नोटबंदी। हरीश दामोदरन ने बड़े तर्कसंगत ढंग से बताया है कि नोटबंदी ने फसल के बाद कृषि अर्थव्यवस्था को कैसे डांवाडोल कर दिया। भाजपा अपनी गलतियां स्वीकार नहीं करेगी, न ही कोई भाजपा नेता प्रधानमंत्री को इन गलतियों के बारे में बताएगा। क्या प्रधानमंत्री कोई जादुई करिश्मा दिखाएंगे? इंतजार करें और देखें।