नई दिल्ली, (हि.स.)। नीति निर्माता की भूमिका से आगे निकलते हुए अपनी सिफारिशों को लागू करने के लिए सक्रिय रूप से सहायता प्रदान करने की नई योजना के तहत नीति आयोग सामाजिक क्षेत्रों में बदलाव को गति प्रदान करने की नई योजना लाया है।
इस योजना को साथ (मानव पूंजी परिवर्तन के लिए स्थायित्वपूर्ण कार्य) नाम दिया गया है। इसके तहत नीति आयोग अपने ‘नॉलेज पार्टनरों’ के साथ मिलकर प्रत्येक क्षेत्र के लिए तीन राज्यों को रणनीतिक, तकनीकी और कार्यान्वयन सहयोग प्रदान करेगा।
नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय, सीईओ अमिताभकांत, नीति आयोग के एडवाइजर और स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में 14 राज्यों के प्रस्ताव का विश्लेषण किया। प्रारंभिक तौर पर राज्यों से मिलने वाले सहयोग और उनके इसमें शामिल होने की इच्छा और प्रयास को देखते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पांच राज्यों का नाम तय किया गया है।
स्वास्थ्य के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, कर्नाटक व गुजरात और शिक्षा के लिए मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड व आंध्र प्रदेश का नाम अंतिम पांच के लिए चुना गया है। अंतिम तीन में स्थान बनाने के लिए राज्यों को समयबद्ध वादापूर्ति, प्रशासनिक बदलाव करके दिखाना होगा। जुलाई के अंत तक इन राज्यों का नाम सामने आ जायेगा।