राष्ट्रीय
देश में विलुप्त होती लोक कलाओं को करेंगे संरक्षित: महेश शर्मा
By Deshwani | Publish Date: 15/6/2017 5:09:53 PM नई दिल्ली, (हि.स.)। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की योजना के अनुसार संपूर्ण देश के कलाकारों की कल्चरल मैपिंग की जाएगी| ये जानकारी गुरुवार को केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने दी। महेश शर्मा ने इस विषय में बताते हुए कहा कि मैपिंग ऑफ इंडिया नाम से पोर्टल का शुभारंभ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गृह जनपद मथुरा से आगामी 17 तारीख को किया जाएगा।
महेश शर्मा ने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से देशभर के उन कलाकारों की कलाओं को सम्मान मिलेगा जो किन्हीं कारणों से सामने नहीं आ पाती। शर्मा ने बताया कि शुरू होने के पहले ही इस पोर्टल में अभी तक 1 करोड़ 12 लाख लोग जुड़ चुके हैं। हमारा उद्देश्य है देशभर में हम उन कलाकारों की पहचान कर सकें जो अपने साथ एक अनोखी कला लिए हुए हैं। हम अक्सर देखते हैं कि कुछ ऐसी कलाएं होती हैं जो संरक्षण न मिलने के कारण समाप्त हो जाती हैं| वह हमारी संस्कृति की पहचान होती हैं। हम देशभर में फैली ऐसी ही कलाओं को चिन्हित कर संरक्षित करने का काम करेंगे।
शर्मा ने उदाहरण देते हुए बताया कि मैं उड़ीसा के एक गांव में गया था जहां मैंने सुंदर चित्रकारी देखी। मुझे लगा कि चित्रकारी अपने आप में अनोखी है| जब मैंने जानना चाहा कि यह किसने बनाई है तो लोगों ने मुझे वहां कलाकारों से मिलाया। यह पूछने पर कि आपको इन कलाओं का कितना मूल्य मिलता है तो कालाकारों का कहना था बाजार में यह कलाकृतियां लाखों रुपए में बिकती हैं। लेकिन हमको इसके लिए महज हजार से दो हजार रुपये मिल पाते हैं। शर्मा ने कहा इस तरह की समस्याओं के मद्देनजर हमने इस पोर्टल का शुभारंभ करने की सोची है। कल्चरल मैपिंग ऑफ इंडिया एक मिशन है। जो हमारी संस्कृति को उजागर करने में सहायक हो सकेगा और ऐसी प्रतिभाओं को संरक्षित करेगा जो धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। 470 करोड़ के लागत की यह योजना है। इस योजना को हम शुरू में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के पांच राज्यों के प्रमुख शहरों से शुरू करेंगे जैसे कर्नाटक,उत्तर प्रदेश,झारखंड और हरियाणा शामिल है ।