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एम्स प्रवेश परीक्षा में निशिता को मिला ‘ऑल इंडिया टॉपर’ का ताज
By Deshwani | Publish Date: 15/6/2017 3:09:36 PM
एम्स प्रवेश परीक्षा में निशिता को मिला ‘ऑल इंडिया टॉपर’ का ताज

 कोटा, (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,नई दिल्ली सहित 7 एम्स की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में कोटा कोचिंग से निशिता पुरोहित पहली छात्रा है, जिसे 100 परसेंटाइल मार्क्स मिले। उसने ऑल इंडिया टॉपर होने का खिताब जीता। गुरुवार को जारी रिजल्ट की ऑल इंडिया मेरिट सूची में एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट से टॉप-10 में निशिता रैंक-1, अर्चित गुप्ता (इंदौर) रैंक-2, हर्ष अग्रवाल, रैंक-5, रिशभ राज रैंक-6, हर्षित आनंद रैंक-7, अभिषेक डोंगरा रैंक-9 तथा मनीष मूलचंदानी (इंदौर) रैंक-10 पर सफल रहे। टॉप-100 से टॉप-500 रैंक पर कॅरिअर पॉइंट, रेजोनेंस, सर्वोत्तम व आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट से कई स्टूडेंट्स चयनित हुए। 

इस वर्ष लगभग 2 लाख से अधिक परीक्षार्थियों में से 17,140 विद्यार्थी क्वालिफाई हुए। ये कुल सीटों से 4 गुना ज्यादा हैं। इस वर्ष 7 एम्स संस्थानों कुल 707 में से 350 सीटों पर सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। शेष 189 ओबीसी, 105 सीटें एससी वर्ग, 56 एसटी वर्ग, 21 सीटें दिव्यांग वर्ग तथा एम्स, नई दिल्ली में 7 सीटें विदेशी स्टूडेंट्स के लिए आरक्षित हैं।
प्रत्येक एम्स में 50-50 सीटें सामान्य, 27 ओबीसी, 15 एससी, 8 एसटी एवं 3 सीटें दिव्यांग वर्ग के लिए निर्धारित हैं। एम्स प्रवेश परीक्षा में सामान्य वर्ग में न्यनूतम 50 प्रतिशत, ओबीसी में 45 प्रतिशत एवं एससी, एसएटी में 40 प्रतिशत माक्र्स लाने वाले परीक्षार्थी क्वालिफाई हुए। 
 
दो पारी के मार्क्स से परसेंटाइल स्कोर
इस वर्ष सामान्य वर्ग में दो स्टूडेंट्स ने 100 परसेंटाइल, 32 छात्रों ने 99.99, 27 छात्रों ने 99.98 तथा 28 छात्रों ने 99.96 अर्जित कर शीर्ष रैंक पर कब्जा किया। टॉप-100 में ओबीसी वर्ग के छात्र रैंक-6,19, 23, 29 व 35 पर रहे। जबकि एससी वर्ग में एक छात्र को रैंक-42 मिली। एसटी वर्ग के छात्र एम्स में रैंक-1273 के बाद क्वलिफाई हुए। 28 मई को 200 अंकों का ऑनलाइन पेपर दो पारियों में हुआ था। दोनों पारियों के अंकों को नार्मलाइज कर परसेंटाइल से ऑल इंडिया रैंकिंग दी गई। 
 
ऊंची रही कटऑफ 
वर्ग कटऑफ (परसेंटाइल में)
सामान्य 99.0014
ओबीसी 97.4205
एससी, एसटी 94.1220 
 
इस वर्ष 3 राउंड में काउंसलिंग
एलन के कॅरिअर काउंसलर पारिजात मिश्रा ने बताया कि क्वालिफाई विद्यार्थियों के लिए इस वर्ष काउंसलिंग के 3 राउंड होंगे। पहला राउंड 3 से 6 जुलाई, दूसरा 3 अगस्त तथा तीसरा 4 सितंबर को होगा। शेष रिक्त सीटों के लिए 27 सितंबर को ओपन राउंड में काउंसिलिंग होगी। एम्स, 2016 में 1,89,357 परीक्षार्थियों में से 7137 क्वालिफाई हुए थे लेकिन काउंसलिंग में 2000 को ही मौका मिला था। जवाहरलाल नेहरू आडिटोरियम, एम्स, नईदिल्ली में काउंसिलिंग होगी। 
 
सबसे अलग क्यों हैं एम्स
- 1956 में स्थापित एम्स,नईदिल्ली की पब्लिक मेडिकल यूनिवर्सिटी में 52 टीचिंग एवं रिसर्च विभाग हैं।
- वर्ल्डक्लास लाइब्रेरी में 61,423 बुक्स, 53,547 जर्नल एवं 14,008 बायो मेडिकल साइंस की रिपोर्ट्स हैं।
- 1500 से अधिक पब्लिकेशंस प्रतिवर्ष मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होते हैं।
- 2328 बेड हैं एम्स हास्पिटल में, यहां प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक सर्जरी होती है।
- 750 अनुभवी फैकल्टी की टीम 700 एमबीबीएस व 1500 पीजी स्टूडेंट को पढ़ाती है।
- एम्स, नई दिल्ली में 6 ब्वायज व 1 गर्ल्स हास्टल है।
- एम्स में गरीबों को वर्ल्डक्लास ट्रीटमेंट निशुल्क मिलता है।
 
सबसे उंची डिग्री, फीस सबसे कम
एम्स को मेडिकल का स्वर्ग कहा जाता है। क्योंकि देश के 426 मेडिकल कॉलेजों में एम्स,नई दिल्ली का दर्जा नंबर-वन है। इससे एमबीबीएस की डिग्री करने के बाद विदेशों से पीजी, डीएम या एमसीएच करने के लिए इसे मान्यता दी जाती है। यहां एमबीबीएस की फीस केवल 5,856 रुपये है, जिसमें से 1500 रू. डिग्री के बाद लौटा दिए जाते हैं। यह फीस जो देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में सबसे कम है। शेष खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। विदेशी छात्रों के लिए यह फीस 75,000 डालर है।
 
टॉपर इंटरव्यू :
योगा-प्राणायाम से भरी ऊंची उड़ान
निशिता पुरोहित, एआईआर-1
पापा-निर्मलेंदु पुरोहित, प्रेसीडेंट, वीजी स्टील, भुवनेश्वर
मां- हिमांशु, गृहिणी, सूरत
निशिता इस वर्ष देश की पहली छात्रा है, जो एम्स में ऑल इंडिया टॉपर बनी। भरूच के स्कूल में क्लास-8-9 तक बॉस्केटबाल में वह नेशनल लेवल तक पहुंची। स्पोर्ट्स में डिस्कस थ्रो, शाट पुट, बेडमिंटन से उसे ताजगी मिलती रही। स्कूल में वह एनसीसी कैडेट भी रही। 12वीं बोर्ड में 91.4 प्रतिशत मार्क्स मिले। एम्स के लिए 2 साल एलेन, कोटा से क्लास रूम कोचिंगली| यहाँ आर्ट आफ लीविंग ज्वाइन कर नियमित योगा-प्राणायाम सीखा। जिससे एनर्जी लेवल बढ़ गया। इंटरनेशनल फिजिक्स ओलिम्पियाड में राउंड-2 तक क्वालिफाई किया। रोज 7 घंटे नींद पूरी करने वाली निशिता ने बताया कि वह देर रात तक नहीं पढ़ी। दिन में 5-6 घंटे सेल्फ स्टडी पर्याप्त रही। एम्स से कार्डिएक सर्जन बनने के बाद भविष्य में आईएएस बनने का सपना है।
सक्सेस फार्मूला- काम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी करते हुए गर्ल्स बहुत इमोशनल होती हैं| वे खुद की शक्ति पर भरोसा करें। किसी एक टेस्ट से विचलित न हों, धैर्य के साथ निरंतर पढें। कूल माइंड से सेल्फ स्टडी करें तो आप दूसरों से आगे निकल सकते हैं।
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