वित्तीय संस्थाओं के दिवालियापन से निपटने संबंधी विधेयक को संसद में पेश करने की मंजूरी
नई दिल्ली, (हि.स.)। वित्तीय सेवा प्रदाताओं को अधिक अनुशासित करने और संकट की स्थिति में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए सरकार संसद में वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक 2017 पेश करेगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक, 2017 को संसद में पेश किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
विधेयक वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं जैसे बैंक, बीमा कंपनियां और वित्तीय संस्थाओं से जुड़ी दिवालियापन की स्थिति से निपटने के लिए एक विस्तृत समाधान तंत्र प्रदान करेगा। अधिसूचित होने के बाद विधेयक एक समाधान निगम की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।
समाधान निगम वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और लचीलेपन की रक्षा करेगा। एक उचित सीमा तक उपभोक्ताओं के हितों और यथासंभव सार्वजनिक निधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
सरकार ने हाल ही में गैर-वित्तीय संस्थाओं के दिवालिया होने के प्रस्ताव के लिए दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (कोड) अधिनियमित किया है। प्रस्तावित विधेयक इसके पूरक के तौर पर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ा ढांचा तैयार करेगा। लागू होने पर दोनों विधेयक अर्थव्यवस्था के लिए व्यापक समाधान तंत्र तैयार करेंगे।
विधेयक वित्तीय संकट में वित्तीय सेवा प्रदाताओं के उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेगा। विधेयक वित्तीय संकट में जमानत के लिए सार्वजनिक धन के उपयोग को सीमित करके वित्तीय सेवा प्रदाताओं के बीच अनुशासन को प्रोत्साहित करेगा।
इससे अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी, साथ ही साथ संकट की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपाय उपलब्ध होंगे।