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राष्ट्रपति चुनाव : उम्मीदवार की खोज में सत्तापक्ष-विपक्ष
By Deshwani | Publish Date: 9/6/2017 7:07:11 PM
राष्ट्रपति चुनाव : उम्मीदवार की खोज में सत्तापक्ष-विपक्ष

 नई दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन में मात्र 19 दिन शेष बचे हैं, परन्तु अभी तक न तो सत्ता पक्ष और न ही विपक्ष ने अपने-अपने उम्मीदवार की घोषणा की है। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। 28 जून का नामांकन की आखिरी तारीख है। आगामी 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा और 20 जुलाई को वोटों की गिनती होगी। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अभी तक अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के साथ राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर आम सहमति नहीं बना पाई है। दूसरी तरफ मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने विपक्षी दलों के साथ अब तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर आम सहमति नहीं बना पाई है। हालाँकि कांग्रेस ने हाल ही में विपक्षी दलों की बैठक में इसका प्रयास अवश्य किया था, परन्तु आम सहमति नहीं बन पाई थी। 
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी सहयोगी दलों के साथ राष्ट्रपति उम्मीदवार पर सहमति बनाने की बात कह रहे हैं। इस संबंध में वह कई क्षेत्रीय दलों के साथ चर्चा भी कर रहे हैं। 
देश में इस बार राष्ट्रपति चुनाव रोचक होने की उम्मीद जताई जा रही है। एकतरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी बल मिल रहा है जिसमे उन्होंने गुजरात में कहा था कि वो अपने गुरु पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को गुरु दक्षिणा देंगे। कई लोग पीएम मोदी के इस गुरु दक्षिणा के बयान को राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। हालाँकि अयोध्या में विवादास्पद ढांचा ढहाए जाने के मामले में उनका नाम होने के चलते उनका नाम इस उम्मीदवारी से हट भी सकता है। 
पीएम मोदी और अमित शाह हमेशा आश्चर्यजनक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। जिस तरह उत्तर प्रदेश चुनाव और परिणाम के दौरान जिस नाम की कहीं चर्चा नहीं थी और योगी आदित्यनाथ को यूपी की कमान सौंपी गयी थी। ठीक उसी तरह उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी कोई आश्चर्यजनक नाम की घोषणा सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा की जा सकती है। 
इधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और उपाध्यक्ष राहुल गाँधी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। इसके लिए राहुल दक्षिण के दौरे पर करुणानिधि के जन्मदिन के अवसर पर विपक्ष को साधने के लिए गए थे। इधर पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विपक्ष को एकजुट करने के लिए कई राज्यों का दौरा कर चुकी हैं, परन्तु सफलता न के बराबर मिल पाई है। ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नाम सामने आने के बाद ही अपने पत्ते खोलने की बात कही है। वहीं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसपर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। 
चुनाव आयोग के अनुसार 5 दिन बाद 14 जून को राष्ट्रपति चुनाव का नोटफिकेशन जारी किया जाएगा। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई है। 
राष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा सांसद, राज्य सभा सांसद और देश की तमाम 31 विधानसभाओं का इलेक्टोरल कॉलेज मिलकर करता है। संसद के दोनों सदनों में वोट देने वाले 776 सांसद हैं और 4,114 विधायक. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निर्वाचन नियम 1974 के मुताबिक सांसद और विधायक के वोट की कीमत खास फॉर्मूले के तहत आंकी जाती है। 
इन फॉर्मूलों के मुताबिक हर सांसद के वोट की कीमत 708 है तो विधायक के वोट की कीमत उसके राज्य की जनसंख्या और विधानसभा की तादाद के मुताबिक बदलती है। मिसाल के तौर पर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में एक विधायक वोट की कीमत 208 है तो सिक्किम जैसे राज्य मे ये महज 7 रह जाती है। 
इस गणित के हिसाब से अपनी मर्जी का राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए किसी भी गुट को वोट की कुल कीमत के आधे यानी 5,49,441 वोट चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग गुप्त बैलट के जरिए होती है। 
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