नई दिल्ली, (हिस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को दिल्ली में मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर अपने विदेश मंत्रालय का लेखा जोखा देते हुए कहा कि आनेवाले वर्ष का हमारा घोषवाक्य होगा- प्रभावी कूटनीति, उत्तम परिणाम। हमारी सरकार की कोशिश है पिछले तीन साल में विदेश नीति की सफलता रही कि हम हर मामले में दुनिया को अपने साथ करने में कामयाब हो सके। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में है। हमने दुनियाभर में संकट में फंसे भारतीयों को निकालने में सफलता पाई है। वहीं हमारे तीन साल का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) हमारी विदेश नीति की सफलता की कहानी खुद-ब-खुद कह रहा है।
पाकिस्तान को लेकर भारत की नीति पर स्वराज ने साफ किया कि पाकिस्तान हमारे लिए दुनिया के दूसरे देशों के समान ही है। हम अपनी सारी ऊर्जा सिर्फ पाकिस्तान पर नहीं लगा रहे। लेकिन इतना जरुर है कि आतंकी घटनाएं और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं हो सकते। वहीं चीन पर भारत की विदेश नीति पर बोलते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि हम चीन को प्रतियुत्तर देने के लिए नीति नहीं बनाते। चीन से जुड़े उत्तराखंड में हैलिकॉप्टर का मामला हो या एनएसजी में भारत के प्रवेश को लेकर चीन का विरोध, हम हर मुद्दे पर पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प की सरकार को लेकर स्वराज ने कहा कि ये भारत-यूएस संबंधों में कोई दरार या कमी नहीं आई है। हमारे संबंध यूएस से ट्रम्प प्रशासन के दौरान वैसे ही हैं, जैसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में थे। स्वराज ने कहा कि पेरिस जलवायु समझौता भारत ने पर्यावरण को लेकर हमारी प्रतिबध्दता को लेकर साइन किया है,ना कि दुनिया से मिलने वाली ग्रांट या किसी दबाव में।
विदेश मंत्री ने बताया कि पहले ये भ्रांति फैलाई जा रही थी कि मोदी सरकार के दौरान पश्चिम एशिया के मुस्लिम देशों से भारत के संबंध कमजोर होंगे, लेकिन हमारी सरकार के इन तीन साल में हमारे संबंध पश्चिम एशियाई मुस्लिम देशों से पहले से बेहतर हुए हैं। यहां तक की एक देश के राजा तो हमारे गणतंत्र दिवस के मुख्य अथिति बने।
स्वराज ने बताया कि पिछले 3 साल में उनकी सरकार ने दुनियाभर में फंसे 80 हजार भारतीयों के निकाला है। और इसमें हमारी विदेश नीति की सफलता है कि तमाम देशों ने हमारी मदद की।
सुषमा स्वराज ने कहा कि इन तीन बरसों में विदेश मंत्रालय की दशा और दिशा बदली है। हमारी विदेश नीति का स्वरुप बदला है। हमारी कार्यप्रणाली बदली है।