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सीबीएसई ने जारी किया 10वीं का परिणाम
By Deshwani | Publish Date: 3/6/2017 4:54:26 PM
सीबीएसई ने जारी किया 10वीं का परिणाम

 लखनऊ, (हि.स.)। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शनिवार को दसवीं कक्षा के परिणाम घोषित कर दिये। इस साल कुल 16 लाख 67 हजार 573 छात्रों ने यह परीक्षा दी और कुल 90.95 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। लखनऊ में लगभग 1900 बच्चों ने हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। राजधानी में कई बच्चों के 10 सीजीपीए (सर्वाधिक ग्रेड) आए। 

 

ये रीजन रहे टॉप पर

रिजल्ट प्रतिशत के मामले में त्रिवेंद्रम पहले स्थान पर, जिसका रिजल्ट 99.85 प्रतिशत रहा। इसके बाद चेन्नई दूसरे स्थान पर रहा, जहां परिणाम 99.26 प्रतिशत रहा। वहीं इलाहाबाद रीजन 98.23 फीसदी रिजल्ट के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

 

दिल्ली के परिणाम में आई गिरावट

खास बात है कि दिल्ली के रिजल्ट में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। दिल्ली का पास प्रतिशत 78.09 गया है जो पिछले साल 91 फीसदी था। छात्र बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट या अन्य माध्यमों से अपना रिजल्ट देख सकते हैं।

 

इन्होंने नाम किया रोशन

अकबर नगर के रहने वाले कारपेंटर वेद प्रकाश सिंह के लिए 10वीं का परिणाम खुशियों भरा रहा। राजधानी स्थित रानी लक्ष्मी बाई स्कूल (इंदिरानगर) में पढ़ने वाले सिद्धार्थ सिंह ने 10 सीजीपीए लाकर पिता का नाम रोशन किया। सिद्धार्थ के मुताबिक उनके पिता ने बचपन से उन्हें तमाम कठिनाइयों के बावजूद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाया। उन्हें गर्व है कि वो कारपेंटर पिता के बेटे हैं, जिसकी दी गई सीख से उसे सफलता हासिल हुई। सिद्धार्थ आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है।

वहीं गाजीपुर थाने में हवलदार के तौर पर तैनात मनोज यबेटे हर्ष यादव ने भी 10 सीजीपीए लाकर पिता का नाम रोशन किया है। हर्ष एनडीए की कोचिंग कर बड़ा अधिकारी बनना चाहता है। पिता द्वारा दिए गए संस्कार व शिक्षा का असर है कि बिना कोचिंग के उसने 10 सीजीपीए प्राप्त किए।

आंखों की रोशनी काफी कमजोर होने के बाद भी अनुराधिका यादव को 10 सीजीपीए मिले। वह पावर का लेंस लगाती है यही कारण है कि वो आगे चलकर आई स्पेश्लिस्ट बनना चाहती है। अनुराधिका के मुताबिक बचपन से ही उनकी आंखें कमजोर रही हैं, मात्र छह साल की उम्र से वह लेंस लगा रही है। वहीं अनुराधिका की सहेली प्रेरणा मधीशिया और श्रेया द्विवेदी को भी 10 सीजीपीए मिले।

गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को इस साल परिणाम के लिए इंतजार करना पड़ा। पांच राज्यों में हुए चुनावों के अलावा मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने के सीबीएसई के फैसले के खिलाफ हाल ही में हाईकोर्ट ने फैसला भी दिया था, इससे भी रिजल्ट लेट हुआ। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर इस साल इस पॉलिसी को बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

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