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सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम : बढ़ा फसलों का उत्पादन, लागत में आई कमी
By Deshwani | Publish Date: 2/6/2017 7:22:07 PM
सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम : बढ़ा फसलों का उत्पादन, लागत में आई कमी

 नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्र सरकार ने दावा किया है कि मृदा स्वास्थ्य पत्र योजना (सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम) के लागू होने के बाद से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के साथ ही खेती की लागत में भी कमी आई है। कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय का कहना है कि इस योजना के लागू होने के बाद से 16 राज्यों के 136 जिलों के किसानों ने सॉयल हेल्थ कार्ड के लिये सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। 

मंत्रालय ने फसलों के लागत में कमी का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद से धान में 16 से 25 फीसदी, दालों और तिलहनों में 10 से 15 फीसदी लागत में कमी की सूचना मिली है। सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम किसानों के लिए शुरू की गयी एक क्रांतिकारी योजना है जिससे किसानों की खेती और उपज पर काफी फर्क पड़ रहा है। इससे फसल की उत्पादकता में वृद्धि हो रही है और खेती की लागत कम हो रही है। 
इतना ही नहीं, मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि योजना के लागू होने के बाद से धान में 10 से 22 फीसदी, गेहूं और ज्वार में 10 से 15 फीसदी, दालों में 10 से 30 फीसदी और तिलहन में 35 से 66 फीसदी की उत्पादन वृद्धि दर्ज की गयी है।
गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 19 फरवरी 2015 को राजस्थान में किया गया था। सॉयल हेल्थ कार्ड मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति एवं और मिट्टी की उर्वरकता में सुधार के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले पोषक तत्वों की उचित मात्रा की सिफारिश की जानकारी किसानों को प्रदान करता है। इससे किसानों को खेत की मिट्टी की प्रकृति की जानकारी भी मिलती है। इसके बाद किसान उसी अनुसार खेत में उर्वरक और अन्य रसायन डालता है। इससे लागत में कमी आती है और उत्पादन में वृद्धि होती है। सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम के पहले 2 वर्षीय चक्र (2015-17) में अभी तक 2.53 करोड़ लक्षित नमूने एकत्र किए जा चुके हैं एवं 93 फीसदी नमूने परीक्षित किए जा चुके हैं। राज्य सरकारों द्वारा लगभग 14 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं जिसमें 31 मई तक 8 करोड़ किसानों को कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। 
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