राष्ट्रीय
भ्रष्टाचार के विरूद्ध बोलने पर हुआ उनके आवास पर हमला : मनोज तिवारी
By Deshwani | Publish Date: 1/6/2017 5:01:38 PM नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले कपिल मिश्रा और राहुल शर्मा पर हुए हमलों से प्रतीत होता है कि यह एक आपराधिक षडयंत्र का भाग है। उन्होंने कहा कि गत माह उनके निवास पर हुआ हमला भी एक षड्यंत्र हो सकता है क्योंकि वह स्वयं भी भ्रष्टाचार के विरूद्ध बोलते रहे हैं।
मनोज तिवारी ने गुरुवार को यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि लगता है कि आगे भी जो लोग केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के विरूद्ध बोलेंगे उन पर हमला हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बहुत तेजी से एक खलनायक के रूप में उभर रहे हैं और ऐसा लगता है कि उनमें आपराधिक सोच विकसित हो गई है। तिवारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस एवं उत्तर प्रदेश पुलिस दोनों को कल की घटनाओं का संज्ञान लेना चाहिये और ऐसे सभी लोगों को जो सक्रियता से केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार उजागर कर रहे हैं, सुरक्षा प्रदान करनी चाहिये।
कपिल मिश्रा एवं राहुल शर्मा को व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा दिये जाने के सवाल पर कहा कि पुलिस को उन दोनों पर खतरे का आंकलन करना चाहिये और नियम एवं आवश्यकता अनुसार सुरक्षा देनी चाहिये। हवाला एवं बेनामी सम्पत्ति मामलों में आरोपित मंत्री सतेन्द्र जैन द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी सम्पत्ति को बेनामी एक्ट से मुक्त करने के लिए दायर याचिका को अस्वीकृत किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुये मनोज तिवारी ने कहा कि जैन को अब सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है। जिस तरह मुख्यमंत्री अपने मंत्री सत्येंद्र जैन पर कोई कार्रवाई करने से बच रहे हैं वह स्पष्ट दर्शाता है कि दोनों में सांठगांठ है।
तिवारी ने कहा कि समय आ गया है कि शुंगलू कमेटी द्वारा अनेक मामलों में पाये गये भ्रष्टाचार के साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाला एवं नये सामने आये दवा घोटाले जैसे सभी मामलों में अरविन्द केजरीवाल सरकार के विरूद्ध कार्रवाई हो। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने केजरीवाल सरकार के घोषित जनता दरबार से भागने की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि सरकार के भागने का कारण है कि सरकार में अब जनता का सामना करने की शक्ति नहीं बची है। यह दूसरी बार है कि सरकार घोषित जनता दरबार से भागी है| इसी तरह केजरीवाल सरकार 2014 में भी घोषित जनता दरबार से भागी थी।