नई दिल्ली, ( हि.स.) । केंद्रीय संसदीय मामले, कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री एस.एस. अहलूवालिया ने भारत और स्वीडन के बीच संसदीय संबंधों को प्रोत्साहन देने और प्रगाढ़ करने के लिए संसदीय प्रतिनिधिमंडल के तीन दिवसीय स्वीडन दौरे का प्रतिनिधित्व किया।
बुधवार को समाप्त हुए इस दौरे से दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संपर्क में नया जोश आने और द्विपक्षीय संबंधों के और सशक्त होने की आशा है। अपने दौरे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्वीडन के नीति समन्वयन और ऊर्जा मंत्री इब्राहिम बेयलान, स्वीडन की संसद के सभापति उरबन अहलिन और विदेश मंत्री मार्गोट वाल्स्ट्राम से भी मुलाकात की।
स्वीडन के विशिष्ठ अतिथियों के बाद बैठक के दौरान अहलूवालिया ने स्वीडन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तारित स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता में लगातार और स्पष्ट समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सशक्त होने पर संतोष व्यक्त करते हुए और दोनों लोकतंत्रों के बीच संसदीय संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए स्वीडन की संसद के सभापति की भारत यात्रा को बारे में कहा।
अहलूवालिया ने द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक संबधों के साथ वैश्विक महत्व के अन्य विषयों पर भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने विशेष तौर पर दक्षिण एशिया क्षेत्र सहित विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य समर्थन और आर्थिक सहयोग प्रदान करने सहित इस वैश्विक समस्या के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के एकजुट होने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंक के ये कर्ताधर्ता कोई छोटे अराजकतावादी नहीं बल्कि सुशिक्षित, प्रेरित, प्रशिक्षित, अच्छी तरह से हथियारबंद, संबंध रखने वाले और आर्थिक सहायता प्राप्त हैं। श्री अहलूवालिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के विरूद्ध वैश्विक समझौते के लिए स्वीडन से सहयोग की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरे में स्वीडन की संसद का दौरा भी किया और भारत-स्वीडन संसदीय संघ की अध्यक्ष सुश्री ऐसा कोनार्ड से भी भेंट की। प्रतिनिधिमंडल से स्वीडन के कई संसद सदस्यों से मुलाकात की और पारस्परिक हित के विषयों पर विचारों और सूचना का आदान-प्रदान किया।
प्रतिनिधिमंडल ने स्वीडन में भारतीय समुदाय से भी भेंट की। इन संसदीय प्रतिनिधिमंडल में अन्य सदस्यों के साथ विभिन्न दलों के 9 सांसद भी सम्मिलित थे।