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‘प्रभावशाली लोगों’ के दबाव में रीयल एस्टेट-शराब जीएसटी से बाहर : सिसोदिया
By Deshwani | Publish Date: 30/5/2017 2:22:26 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रीयल एस्टेट और शराब करोबार को एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखे जाने पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रभावशाली लोगों के दबाव में ये फैसला किया गया है।
सिसोदिया ने कहा, ‘शराब और रीयल एस्टेट लॉबी जीएसटी में हस्तक्षेप करने में सफल रही है। मैं बिना किसी हिचकिचाहट के कह सकता हूं कि इन दोनों क्षेत्रों को जीएसटी के दायरे से इसलिए बाहर रखा गया है क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व और प्रभावशाली लोग पारंपरिक रूप से रीयल एस्टेट के कारोबार में लगे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि कई राजनीतिज्ञों ने ‘अपने काले धन का निवेश’रीयल एस्टेट कारोबार में किया है। सिसोदिया ने कहा कि हम दुनिया में इकलौते देश हैं जिसने भूमि और शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है। एक बच्चा भी जानता है कि कालेधन का निवेश रीयल एस्टेट क्षेत्र में किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने सभी वित्त मंत्रियों को भी लिखा लेकिन उनके विचार को जीएसटी परिषद की बैठक में रद्द कर दिया गया।
दरअसल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की बढी दरों को लेकर दिल्ली के व्यापारी परेशान हैं और इसी सिलसिले में दिल्ली के लगभग 40 कारोबारी संगठनों ने मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की।
कारोबारी संगठन चाहते हैं कि 3 जून को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली के व्यापारियों की मांगों को रखें और राहत की मांग करें।