ब्रेकिंग न्यूज़
पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाटबिहार:10 जोड़ी ट्रेनें 25 फरवरी तक रद्द,नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखंड की ट्रेनें रहेंगी प्रभावितप्रधानमंत्री ने मिजोरम के निवासियों को राज्‍य के स्‍थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी
जरूर पढ़े
एक फेस्टिवल जिसमें लोग पूरा शहर जलाकर कर देते हैं राख
By Deshwani | Publish Date: 3/9/2017 2:08:32 PM
एक फेस्टिवल जिसमें लोग पूरा शहर जलाकर कर देते हैं राख

 नई दिल्ली। दुनियाभर में कई तरह के फेस्टिवल होते हैं। जो अपने आप में खास होते हैं. इनकी खासियत ही इन्हें एक दूसरे से हटकर बनाती है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे फेस्टिवल के बारे में सुना है जिसमें लोग पूरा शहर ही जलाकर राख कर देते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि ऐसा करने पर लोगों को बधाई भी दी जाती है और उनकी तारीफ की जाती है। ये पूरा फेस्टिवल रेगिस्तान में आयोजित किया जाता है, जहां सबकुछ जलने के बाद रेत पर राख का सिर्फ काला रंग ही पसरा होता है।

 
ये अनोखा फेस्टिवल अमेरिका के नेवादा प्रांत में स्थित ब्लैक रॉक डेजर्ट में आयोजित किया जाता है। इस फेस्टिवल का नाम बर्निंग मैन फेस्टिवल है, जिसमें हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं। इस बार इसमें करीब 70 हजार लोगों ने शिरकत ली। यहां आने वाले लोग अपने हिसाब से पहले शहर बनाते हैं और फिर फेस्टिवल के अंत में वो खुद अपने हाथों ही सबकुछ जला देते हैं।
 
31 साल पहले शुरू किए गए इस फेस्टिवल में पहली बार सिर्फ 80 लोग ही आए थे। लेकिन बाद में ये इतना पॉपुलर हुआ कि हर साल ये संख्या बढ़ती ही गई. यहां पर लोग आते हैं और खुद का शहर बसाते हैं। वो कई कलात्मक वाहन और दूसरी कला से जुड़ी चीजें बनाते हैं। इस दौरान नाचना-गाना भी होता है और कला की प्रदर्शनी भी होती है।
 
फेस्टिवल के आखिरी दिन ये लोग खुद की बनाई कला को जला देते हैं। ऐसा वो यहां की फिलॉस्फी के कारण करते हैं, जिसमें माना जाता है कि खुद ही अपनी रचना को जलाकर अहं भी राख हो जाता है। यहां लोगों को अपने तरीके से जीने की आजादी दी जाती है। उन पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाती है, ताकि वो सही मायने में आजादी का मतलब समझ सकें। 
 
इस फेस्टिवल का सिर्फ एक नियम भी है, जो कम हैरान करने वाला नहीं है। यहां पर ऐसी किसी भी चीज का उपयोग नहीं कर सकते हैं, जो पर्यावरण को नुकसाना पहुंचाए। इस नियम के कारण ही यहां पर प्लास्टिक के सामान से लेकर फ्यूल वाहन तक बैन हैं। आप यहां पर सिर्फ साइकिल या पैदल ही घूम सकते हैं। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS