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अम्बेडकर आवासीय विद्यालय: खर्च हो गए अरबों, छात्र तब भी खुले में शौच को मजबूर
By Deshwani | Publish Date: 16/2/2018 5:51:09 PM
अम्बेडकर आवासीय विद्यालय: खर्च हो गए अरबों, छात्र तब भी खुले में शौच को मजबूर

- बच्चों ने कई बार की शिकायत, मगर कहीं नहीं हो रही सुनवाई
सुगौली। शिवेश झा


देश को खुले में शौच से मुक्त करने के प्रयास को जिले में अमली जामा पहनाने में जिलाधिकारी के प्रयास की सराहना हो रही है। ऐसे में जिले के एकमात्र अम्बेडकर आवासीय विद्यालय सुगांव के करीब तीन सौ छात्र अपनी प्रतिष्ठा को ताक पर रख नियमित खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इन्हें इसको लेकर विद्यालय से बाहर शौच करने पर गांव वालों की गाली और ताना सुनना पड़ता है। पर विभागीय अधिकारियों के उचित देखरेख के अभाव में विद्यालय के इन छात्रों को फजीहत सहने की मजबूरी भी है। इसे सरकारी उदासीनता ही कहेंगे कि इस विद्यालय में अरबों रुपये की राशि के खर्च के बाद बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव दिखता है। छात्र बताते हैं कि हमेशा नवनिर्मित भवन के शिलान्यास और उद्घाटन के मौके पर विधायक सांसद आते जरूर हैं, पर भवन के घटिया निर्माण की जांच करने कोई नहीं आता। अबतक छात्रावास के दो अलग अलग दो और तीन मंजिल बिल्डिंग में रह रहे छात्रों के लिए तीस शौचालय का निर्माण कराया गया है। पर शौचालयों के कुछ दिन के उपयोग के बाद निर्माण में बरती गई अनियमितता स्वयं उजागर होने लगी। छत पर लगी पानी की टँकी भी फूट चुकी है। ऐसे में छात्र विकास कुमार,कुंदन कुमार,राजकपूर,कपिल कुमार,रविभूषण कुमार,विंदेश्वर कुमार,भोला कुमार,विष्णु कुमार आदि ने बताया कि छात्रावास में शौचालय की स्थित अच्छी नहीं होने से हमे मजबूरी में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। खेतों में शौच करने पर वो हमें गाली भी देते है। हमें यह सब भी सहन करना पड़ता है। एकाध शौचालय ठीक भी है तो तीन मंजिल पर नीचे से बाल्टी में पानी भरकर ले जाना भी संभव नहीं होता। बहुत सारे छोटे- छोटे बच्चे भी छात्रावास में है। इसकी कई बार शिकायत भी की गई। पर हाल जस का तस है। तीन सौ छात्रों के बीच दो चापाकल है। जो कम गहरा होने से प्रदूषित पानी देता है। वही इस बाबत विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय दास ने बताया कि शौचालय को ठीक कराया जाएगा।

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