घोड़ासहन। राजू सिंह
प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में विकास व जन समस्याओं को लेकर घोड़ासहन विकास संघर्ष मोर्चा के बैनर तले स्थानीय प्रखंड मुख्यालय परिसर में शनिवार को धरना-प्रदर्शन किया गया।
धरना को संबोधित करते ढाका विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी रामपुकार सिन्हा ने कहा कि क्षेत्र के राजनेताओं की उदासीनता के कारण आज तक घोड़ासहन प्रखंड के दर्जनों गाँव उपेक्षित हैं। वोट बैंक की राजनीति में लीन राजनेता केवल चुनाव में ही गाँवों का रूख करते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशकों के बाद भी कई गाँव उदासीनता के बाट जोह रहे हैं। उन्होंने कुछ ज्वलंत मुद्दों को गिनाते हुए कहा कि वर्षों पहले निगुआ नदी पर पुल निर्माण के लिए शिलान्यास होने के बावजूद भी पुल का निर्माण नहीं हुआ। गाँव थोड़ी दूर प्रखंड मुख्यालय की सड़कों की स्थिति भी नारकीय है। शहर में हर जगह जल जमाव है। साथ ही कहा कि सभी गाँवों को प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली सडकों का अविलंब पक्कीकरण होना चाहिए।
मोर्चा का मुख्य मांग:- मोर्चा का मुख्य मांग भेलवा कोठी से सपहा घुघुआ होते हुए बनकटवा प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य पथ का अविलम्ब पक्कीकरण, घोड़ासहन से श्रीपुर, भंगहा, कवैया होते हुए बैद्यनाथपुर-सुन्दरपुर तक जाने वाली जर्जर सड़क का पक्कीकरण एवं नाला निर्माण, कदमवा यादव टोला में सड़क का उच्चीकरण एवं नाला निर्माण, गिघौना गांव होते हुए मिडिल स्कूल से बाबा राजकुमार दास के मठ तक सड़क का पक्कीकरण एवं नाला निर्माण तथा गांव के पुरब डोरा नदी में पुलिया का निर्माण, सपहा गांव से स्कूल होते हुए सुखल दास के मठ तक तथा चम्पापुर कोईरिया नहर चौक से खरझंखिया तक सड़क का पक्कीकरण, घोड़ासहन बाजार से श्रीपुर तक रोड का पक्कीकरण, घोड़ासहन वीरता चौक से महुआही तक रोड का पक्कीकरण, घोड़ासहन बाजार स्थित तलाब एवं सड़क का जीर्णोद्धार, समनपुर गांव से सिंगरहिया तक जानेवाली सड़क का पक्कीकरण, आवेदन देने वाले सभी व्यक्तियों का नाम राशन कार्ड में जोड़ना आदि है। धरना के बाद शिष्टमंडल के सदस्यों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को मांगपत्र के साथ सौंपा। मौके पर बनकटवा प्रखंड प्रमुख राज यादव, षिक्षक विरेन्द्र कुमार, संजीव कुमार उर्फ पप्पू षर्मा, अभिमन्यू यादव, शम्भू पटेल, बेदामी यादव, डॉ. सच्चिदानन्द कुषवाहा, अवधेष गुप्ता, राघवेन्द्र सिंह, सत्यदेव प्रसाद यादव, चन्दन कुमार, सुबोध कुमार, सुबोध कुषवाहा, रंजेष सिन्हा, धर्मेन्द्र कुशवाहा, दारोगा कुशवाहा आदि मौजूद थे।