बिहार
मधुमक्खी पालन से पैदावार में होगी 20 फीसदी की वृद्धि, बढ़ेगी आमदनी
By Deshwani | Publish Date: 9/12/2017 6:55:27 PM- केविके ने दिया किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण
पीपराकोठी। सौरभ राज पप्पू
प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में तीन दिवसीय मधुमखी पालन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. उद्घाटन केविके के कार्यक्रम समन्वयक डा के.के झा ने किया. जिसमे जिले के विभिन्न प्रखंडों से 30 किसानों को मधुमखी पालन का प्रशिक्षण दिया गया. शिविर को संबोधित करते हुए कार्यक्रम समन्वयक डॉ झा ने कहा किअ अच्छी पैदावार नहीं होने के कारण किसान किसानी से मुँह मोड़ने लगे हैं. ऐसे में विभाग किसानों को नई तकनीक से खेती करने के लिए आए दिन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर उन्हें खेती की तरफ आकर्षित करने का काम कर रही है. वही पौधा रोग के वैज्ञानिक आर.बी. शर्मा ने कहा कि मधुमखी पालन के लिए पूर्वी चम्पारण जिले की आबोहवा बहुत ही अनुकूल है. इसकी शुरुआत नवम्बर, दिसम्बर महीने से आरंभ कर सालों भर की जा सकती है। मधुमक्खी पालन भूमिहिन किसान भी करके अच्छी आमदनी कर सकते हैं. मधुमक्खी पालन ग्रामीण युवक- युवतियों के लिए एक बहुत ही अच्छा व्यवसाय है. इसके लिए न तो अधिक पूंजी की जरूरत है और न ही अधिक श्रम की। मधुमक्खी पालन से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष दोनों तरह से फायदा है. इससे शहद ,मोम ,प्रोपोलिस , रॉयलजेली ,पोलेन तो मिलता ही है साथ ही जिस फसल में मधुमक्खी पालन करते हैं, उसका उपज 15 से 20 परसेंट तक बढ़ जाती है. शुरू में इस व्यवसाय को 5-10 बक्से के साथ शुरू करना चाहिए और इतने बक्से की देखभाल के लिए घर का सदस्य ही काफी है. 10 बक्से से शुरुवाती वर्ष में 40 से 50 हजार तथा दूसरे तीसरे वर्ष में एक लाख रुपए तक सालाना कमाई की जा सकती है. 100 बक्सा मधुमक्खी पालन में 8 लोगों को रोजगार मिल जाता है.