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बिहार
डेढ़ लाख दहेज दिए, दुबारा पचास हजार भी दिए, फिर भी मेरी बेटी को जिंदा जला दिए ससुरालियाें ने
By Deshwani | Publish Date: 17/11/2017 11:18:31 PM
डेढ़ लाख दहेज दिए, दुबारा पचास हजार भी दिए, फिर भी मेरी बेटी को जिंदा जला दिए ससुरालियाें ने

प्रतीकात्मक तस्वीर।

मोतिहारी। पूर्वी चम्पारण में हरसिद्धि थाना के दुधहीटाल गांव में शुक्रवार को दहेज के लिए एक हृदय विदारक घटना को अंजाम दिया गया।  बहू को विगत पांच दिन तक कमरे में भूखे बंद रखा गया। शुक्रवार को सास ने कहा- इसे बाहर निकालो। जलाकर मार डालो। इसकी लाश को अंधेरे में खपा दो। फिर देयादिन ने गैलन में केरोसिन तेल उड़ेलकर सिर से पांव तक भिंगो दिए। फिर आग लगा दी। नगर थाना पुलिस के समक्ष बयान देने के बाद करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा आग से झुलस चुकी जैतून खातून दुनियां से अलविदा हो गयी। ये बयान शुक्रवार को सदर अस्पताल में आग से जलाई गयी जैतून नेशा ने मरने के कुछ घंटे पहले पुलिस को दिए हैं। जैतून खातून जो अब इस दुनियां में नहीं रही। वह अयाजुल मियां की सबसे छोटी पुत्री थी। जैतून के शौहर फिलहाल बाहर हैं। पति का नाम रोजदिन मियां है। वह लुधियाना में है।
2013 में हुई थी शादी,अभी नहीं है कोई संतान
हरसिद्धि के भादा गांव निवासी अयाजुल मियां को चार पुत्रियों में सबसे छोटी जैतून खातून की शादी हरसिद्धि के दुधही टाल निवासी रोजदीन मियां से हुई थी। रोजदिन लुधियाना में एक बोरा फैक्ट्री में काम करता है। मृतक जैतून खातून के भाई यूनुस का कहना है कि शादी के पांच दिन बाद ही उसकी बहन जैतून को घर से यह कहकर निकाल दिया कि उसकी एक आंख छोटी है। फिर पंचायत हुई। 50 हजार रुपये भी लिए। फिर साथ रखने लगा। फिर भी वह डराता रहा कि वह दूसरी शादी कर रहा है। एक लाख और रुपये दिलवाओ। और आज उसे जिंदा जला दिया गया।

जैतून के मायके में इस घटना के बाद मातम छाया हुआ है। उसकी मां गजबून खातून स्वर्गीय हो चुकी हैं। सदर अस्ताल में मृतक के पिता अजमुल मियां, भाई यूनुस व एक बड़ी बहन नुरैशा खातून (जिसकी शादी छपवा में हुई है)अौर गांव के कई लोग इस आस में आए हुए थें कि कहीं जैतून बच जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिलहाल ससुराल के लोग फरार हैं। मरने से पहले जैतून ने पुलिस को जो बयान दिए है,उस आधार पर एफआइआर दर्ज कर लिया गया है।
 
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