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बिहार
गोविन्दगंज पशु मेला - किसानों के लिए पशुधन है एटीएम - राधामोहन सिंह
By Deshwani | Publish Date: 6/11/2017 9:34:03 PM
गोविन्दगंज पशु मेला - किसानों के लिए पशुधन है एटीएम - राधामोहन सिंह

मोतिहारी के गोविन्दगंज पशुमेले के उद्धाटन के अवसर पर संबोधित करते केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह।

मोतिहारी। अरेराज। रंजन श्रीवस्तव। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  राधा मोहन सिंह ने कहा कि बिहार राज्य में पशुधन फसल उत्पादन का एक अविभिन्न अंग है। जिस पर छोटे जोत के किसानों की जीविका निर्भर करती है। क्योंकि पशुचिकित्सा एवं पाशुपालन की गतिविधियां हमारे समाज के अत्यंत गरीब किसानों से सीधे जुड़ा हुआ है। केन्द्रीय कृषि सह किसान कल्याण मंत्री श्री सिंह सोमवार को अरेराज अनुमंडल स्थित गोविन्दगंज स्थित पशुमेले के उद्घाटन के मौके पर किसानों को संबोधित कर रहे थें। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि
जहाँ फसल उत्पादन नही पहुँच पाता है, वहाँ पशुधन उन गरीब परिवारों तक पहुँचता है, जो भूमिहीन है और मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं। उसी प्रकार, पशुओं के अपशिष्ट तत्वों का उपयोग ईंधन के अलावा मिट्टी की उर्वरकता एवं फसल उत्पादन बढ़ाने में भी किया जाता है। बिहार में अन्य राज्यों के मुकाबले पशुपालन का अधिक महत्व है जिससे सकल घरेलू उत्पाद में बिहार का योगदान ज्यादा है।  कुल मिलाकर पशुपालन का राष्ट्रीय स्तर पर 26 प्रतिशत की अपेक्षा बिहार के कृषि अर्धव्यवस्था में 40 प्रतिशत का योगदान है। पशुधन गरीब लोगों के लिए बैंक या ए.टी.एम की तरह है। पशुधन प्राकृतिक आपदाओं के लिए आघातरोधी का काम भी करता है।
 - बिहार में करीब 12 मिलियन मवेशी और 7.5 मिलियन भैस की आबादी है जो देश मे छठे स्थान पर है।
 - संकर मबेशी की दूध उत्पादकता करीब 5.6 लीटर प्रतिदिन, देसी मवेषी की 1.6 लीटर प्रतिदिन तथा भैस की 4.3 लीटर प्रतिदिन है।
 - जो कि राष्ट्रीय औसत पर संकर मवेशी की 6.4 लीटर, देसी मवेशी की 2 लीटर तथा भैस की 4.3 लीटर दूध उत्पादकता से कम है।
 - बिहार में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी बहुत कम है। जहां राष्ट्रीय औसत पर यह 337 ग्राम प्रतिदिन है, वहीं बिहार में यह मात्र 188 ग्राम प्रतिदिन है
 हमारा देश दूध का सर्वोच्च उत्पादक है, जहाँ दूध का उत्पादन 160टन है। इसमें बिहार का योगदान मात्र 5.6 प्रतिशत है और इस तरह बिहार दूध उत्पादन में 9 वें स्थान पर है।
 - भारत दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है और विश्व दूध उत्पादन में 19 प्रतिशत योगदान करता है 2011-14 के मुकाबले 2014- 17 में दूध उत्पादन में वृद्धि 16.9 प्रतिशत है।
 - वर्ष 2014-17 के दौरान कुल दूध उत्पादन 465.5 मिलियन टन  रिकॉड  किया गया जबकि वर्ष 2011-14 में कुल दूध उत्पादन 398 मिलियन टन था।
 आज मोदी सरकार दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पशुधन विकास योजनाओं पर विशेष जोर दे रही है। देश भर में राष्ट्रीय गोकुल मिशन प्रारम्भ किया गया है। पशुओं को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए राज्य सरकारों को यह भी निर्देशित किया गया है कि पशु आरोग्य मेलों का आयोजन करें। सेमुयापुर के बाद आज गोविन्दगंज में पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया है जो दो दिनों तक चलेगा।
 इस अवसर पर विधायक सचिन्द्र सिंह, श्यामबाबू यादव, बबलु गुप्ता , किसान नेता अखिलेश सिंह , सुनीलमणि तिवारी के अलावा राजेन्द्र केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय के कुलपति, कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक, जिला पशुपालन अधिकारी तथा बढ़ी संख्या में पशुचिकित्सक भी मौजूद थे ।

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