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बिहार
आज से प्रभावी हुई राज्‍य खाद्य निगम की पुनर्गठित संरचना
By Deshwani | Publish Date: 4/11/2017 7:14:06 PM
आज से प्रभावी हुई राज्‍य खाद्य निगम की पुनर्गठित संरचना

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


बिहार मंत्री परिषद के निर्णय के आलोक में राज्‍य खाद्य निगम की पुनर्गठित संरचना आज से प्रभावी हो गई है। इसकी जानकारी आज बिहार राज्‍य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम मुख्‍यालय ‘खाद्य भवन’, दरोगा प्रसाद राय पथ, पटना के सभा कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्‍मेलन में खाद्य एवं उपभोक्‍ता संरक्षण – सह – प्रबंध निदेशक राज्‍य खाद्य निगम पंकज कुमार, विशेष सचिव भरत दुबे और खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर सचिव चंद्रशेखर ने दी।
श्री कुमार ने कहा कि बिहार राज्‍य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम का मुख्‍य उद्देश्‍य राज्‍य के लोगों को खाद्यान्न सुगमतापूर्वक उपलब्‍ध कराने की और किसानों से फसल खरीद की है। इसलिए लिए निगम ने मुख्‍यमंत्री के निर्देशानुसार राज्‍य में खाद्य आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए पूरे तंत्र को डिजिटलाइज्‍ड कर दिया है, ताकि फसल अधिप्राप्ति व अन्‍य प्रक्रिया में कोई धांधली न हो पाये। साथ ही बिचौलिये भी निष्‍क्रिय हो।

उन्‍होंने राज्‍य खाद्य निगम की पुनर्गठित संरचना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें राज्‍य स्‍तर पर प्रबंध निदेशक के अंदर दो मुख्‍य महाप्रबंधक की नियुक्ति की गई है। इनमें एक का काम भंडराण, जन वितरण प्रणाली, वित्तीय सलाहकार के तौर पर होगा, जिनमें हर विभाग में उप महाप्रबंधक की भी नियुक्ति की गई है। तो दूसरे महाप्रबंधक का काम अधिप्राप्ति, आधुनिकीकरण, सामान्‍य प्रशासन, मुख्‍य सतर्कता और तकनीक का होगा, जो इसके संचालन में सहायक हो। दोनों परस्‍पर एक दूसरे से जुड़े हैं। इसी अधार पर जिला स्‍तर पर भी प्रशासनिक संरचना का पुनर्गठन किया गया है, जो पूर्व में फसल अधिप्राप्तिद्व भंडारण व जन वितरण के लिए सृजित पद की जगह लेगें।

पंकज कुमार ने कहा कि राज्‍य खाद्य निगम में बीसीई सी ई के माध्‍यम से 407 सहायक प्रबंधक और 50 सहायक‍ लेखापाल की नियुक्ति की गई है, जो पूरी तर‍ह से आईटी की समझ रखते हैं। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा कवच के अंतर्गत खाद्यान्‍न उठाव और वितरण का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण के लिए 24 घंटे नियंत्रण कक्ष कार्यरत होगा। ई-चालान और जन वितरण प्रणाली दुकान तक डोर स्‍टेप डिलेवरी के माध्‍यम से खाद्यान्‍न की सुविधा होगी। इसके अलावा एसएमएस के माध्‍यम से खाद्यान्‍न से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन का संप्रेषण, धान अधिप्राप्ति के लिए राज्‍य खाद्य निगम नोडल एजेंसी, अधिप्राप्ति कार्य में सभी प्रकार का भुगतान पीएफएमएस पद्धति से, आवंटित खाद्यान्‍नों का शत – प्रतिशत उठाव एवं वितरण और procurement सॉफ्टवेयर पर अधिप्राप्ति संबंधित सभी कार्यों का निष्‍पादन किया जायेगा।

उन्‍होंने बताया कि दारोगा प्रसाद राय पथ स्थित निगम मुख्‍यालय में खाद्य भवन का निर्माण भी किया जायेगा। 7.61 लाख मे‍.टन भंडारण क्षमता, 14.31 लाख मे.टन भंडारण क्षमता का निर्माण की स्‍वीकृति प्राप्‍त कार्य प्रगति पर है और भारतीय खाद्य निगम के उठाव में सौ प्रतिशत और डोर स्‍टेप डिलेवरी में 99 फीसदी जीपीएस और लोड सेल परिवहन और निर्धारित मार्ग से खाद्यान्‍न से लदे वाहनों के विचलन होने के कारण परिवहन अभिकर्ताओं से 5.32 करोड़ रूपए की वसूली की जायेगी। उन्‍होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से अधिप्राप्ति कार्य के संपादन के लिए 5000 करोड़ रूपए मिले हैं, जिससे पिछले सभी बकाया रकम का भुगतान कर दिया गया है। खाद्य एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग से परिवहन, हथालन एवं मार्जिन मनी शीर्ष में 600 करोड़ रूपए की प्राप्‍त किये हैं।
उन्‍होंने बताया कि KMS 2016-17 अंतर्गत विभिन्‍न व्‍यवसायिक बैंको से लिये गए 1900 करोड़ रूपए के विरूद्ध 1666.24 करोड़ रूपए की वापसी कर दी गई है और पूर्व में विभिन्‍न व्‍यवसायिक बैंकों से लिए गए ऋण के विरूद्ध 600 करोड़ की वापसी कर दी गई है।  अंत में उन्‍होंने कहा कि इस साल बिहार में धान की अधिप्राप्ति समय से 15 नवंबर से शुरू हो जायेगी और मार्च तक चलेगी, जिसका न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1550 रुपये होगा। 

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