- लंबित वेतन की मांग को ले थे आक्रोशित, कहा- वेतन नहीं तो काम नहीं की नीति अपनाई जाएगी
चिरैया। अर्चना रंजन
दुर्गापूजा व छठ जैसे महापर्व पर भी 4 माह से वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों ने सोमवार को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्येंद्र नारायण सिंह द्वारा पोशाक राशि की डिमांड व उपयोगिता आदि के लिए बीआरसी चिरैया में बुलाई गई आपात बैठक का बहिष्कार कर दिया। वहीं विभिन्न शिक्षक संगठनों ने मिलकर बीआरसी को बंद कर दिया और सरकार व शिक्षा विभाग के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की। शिक्षक संगठनों ने कहा कि कोई भी वेतन भुगतान कराने की बात नहीं कर रहा है, जबकि पदाधिकारियों द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर गैर शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी लगा दी जा रही है। परिवार से लेकर बच्चे तक के कपड़े व पटाखे आदि खरीदने के लिए पैसे नहीं है। राशन दुकानदार तकादा कर रहे हैं। शिक्षकों ने इस तरह के गैर शैक्षणिक कार्यों का भी बहिष्कार किया। परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश सचिव जयप्रकाश नारायण, टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष कार्तिक कुमार, बिहार प्रांत प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पिंकू कुमार के नेतृत्व में चिरैया के सैकड़ों आक्रोशित शिक्षकों ने बगैर किताब के परीक्षा लेने व छठ के पूर्व वेतन भुगतान की घोषणा के बाबजूद भी अब तक भुगतान नहीं किए जाने के विरुद्ध प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्री सिंह को बीआरसी में घंटों घेरे रखा। काफी समझाने के बाद उन्हें छोड़ा। शिक्षक नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब तक वेतन भुगतान के साथ-साथ लंबित सेवा शर्त नियमावली, लंबित सातवें वेतनमान का निर्धारण व गैर शैक्षणिक कार्यों का विरोध सहित अन्य लंबित मांगों को पूरा नहीं किया जाता अांदोलन जारी रहेगा। मौके पर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रखंड सचिव भैरव राय, परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव जयप्रकाश नारायण, संकुल समन्वयक रजनीकांत सिंह, संजय कुमार, जितेंद्र कुमार, कृष्णप्रताप सिंह उर्फ कन्हैया सिंह, मुंशी मंजर अहमद, धीरेंद्र कुमार सिंह, मनोज ठाकुर, अब्दुल कासिम, चंदेश्वर बैठा, कुंदन कुमार, कन्हैया प्रसाद, संजय सिंह, सुधीर कुमार सिंह, राधाकृष्ण पंडित, मदन मोहन साह, नंदकिशोर प्रसाद, धीरज कुमार, बिनोद बैठा, नीलू पांडये, गीता कुमारी, प्रीति पांडेय, डॉ. अभिषेक कुमार पांडेय, राजन कुमार, नवीन कुमार, ब्रजेश कुमार, संतोष यादव, संजय कुमार, जवाहर प्रसाद व रामचंद्र राम मौजूद थे।