बिहार
आजादी के वर्षों बाद भी किसान पूंजीपतियों के गुलाम: योगेन्द्र
By Deshwani | Publish Date: 2/10/2017 8:17:59 PMमोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
इसी धरती से बापू ने नीलहों से किसानों को मुक्ति दिलाते हुए देश को आजाद कराया था। उन्होंने यहीं से स्वराज का शंखनाद भी किया था। लेकिन, आजादी के बाद किसान वहीं के वहीं रह गये। आज किसान पूंजीपतियों के गुलाम बन कर रह गये हैं। उक्त बातें अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के तत्वावधान में सोमवार को शहर के नरसिंह बाबा मठ स्थित रामायण मैदान में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए प्रख्यात चिंतक योगेन्द्र यादव ने कहीं।
श्री यादव ने कहा, हम चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में गांधी जयंती के मौके पर बापू की धरती से ऊर्जा व प्रेरणा लेने आए हैं, ताकि यह प्रेरणा किसानों को एकजुट कर आर्थिक गुलामी से मुक्ति दिला सके। कहा कि किसान कर्ज में जन्म लेता है, कर्ज में ही बड़ा होकर मर जाता है। इसका गवाह देश में आत्महत्या कर रहे किसानों का आंकड़ा है। समाजसेवी राजाराम सिंह ने कहा कि किसानों को एकजुट करने के लिए देश स्तर पर संघर्ष समिति बनायी गयी है। इसमें करीब 180 संगठन शामिल हैं। सभी संगठन 14 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक कर किसानों की लड़ाई का शंखनाद करेंगे। उन्होंने पूर्वी चम्पारण से भी किसानों को भाग लेने की अपील की। कहा कि किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही है। इससे किसान कंगाल हो रहे हैं। सरकारों द्वारा बनायी गयी नीतियां किसान हित में नहीं है। महापंचायत को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक सरदार बीएम सिंह, विधायक सत्यदेव राम, चंद्रशेखर, अजीत कुमार आदि ने संबोधित किया। मौके पर कार्यक्रम संयोजक बाबूनंद शर्मा, भैरवदयाल सिंह, पुरुषोत्तम शर्मा, रामविनय सिंह, राजेन्द्र पटेल, शिवजी सिंह, शिवपूजन, संजय सत्यार्थी, प्रभुदेव यादव आदि थे।