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मोतिहारी
-गन्ने के साथ मिश्रित खेती से कर रहे अच्छी आमदनी
By Deshwani | Publish Date: 18/9/2017 7:10:22 PM
-गन्ने के साथ मिश्रित खेती से कर रहे अच्छी आमदनी

-25 हजार रुपये लागत से लाख रुपये का हो रहा उत्पादन
किसानी से परिवार के दो सदस्य को बनाया इंजीनियर
दर्जनों बार कृषि विभाग कर चुका है प्रगतिशील किसान दुर्गा सिंह को सम्मानित

पीपराकोठी। सौरभ राज पप्पू


 उत्तम खेती, मध्यम वाणिज्यिक, निर्धन सेवा, भीख निदान... पर अमल करते हुए प्रखंड क्षेत्र के बेलवतिया गांव के प्रगतिशील किसान दुर्गा सिंह ने किसानी के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. ये इंटर क्रापिंग सिस्टम से खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. किसान दुर्गा सिंह बताते हैं कि आठ एकड़ भूमि में गन्ने के साथ मिश्रित खेती की. प्रति एकड़ गन्ने की खेती करने में 22 से 25 क्लिंटल गन्ना के बीज, सात हजार रुपये के उर्वरक, तीन हजार रुपये मजदूर पर व्यय हुए. गन्ने के बीच के क्यारी में दलहन व तेलहन की फसल लगाई. दोनों फसल को मिलाकर करीब एक लाख रुपये की पैदावार हुई. लागत खर्च दूसरी फसल से निकल गई और गन्ने की फसल का शुद्ध मुनाफा आया. उन्होंने बताया कि साल में दो बार गन्ने के साथ मिश्रित खेती की जा सकती है। रबी फसल में गन्ने के साथ आलू, सरसों, खैनी, लहसुन, मसूर लगा सकते हैं. जबकि फरवरी के प्लांटिंग में बोड़ी, भिंडी, उरद व मूंग की खेती कर सकते हैं. अभी 15 अक्तूबर के बाद मिश्रित खेती की जा सकती है. श्री सिंह बताते हैं कि मेरे पिताजी स्व.रामअयोध्या सिंह भी किसान थे. मुझे भी कई जगह पर नौकरी करने का अवसर प्राप्त हुआ. लेकिन मैंने किसानी को अपना मुख्य पेशा बनाया. पूरी लगन के साथ किसानी की और किसानी के बल पर भाई सहित परिवार के दो सदस्य को इंजीनियर, बेटा को सांख्यिकी पदाधिकारी बनाया व घर बना कर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं. उनका मानना है कि परिस्थिति बदला है, सरकारी सुविधा बदली लेकिन ये सिर्फ संचिका में रह जाती है. अव्यवस्था के कारण लोग किसानी से भाग रहे हैं. नलकूप नहर की स्थिति बदतर है. हरियाणा पंजाब की तरह सरकार को जमीन का लेवलिंग व प्लांटिंग करना चाहिए. दवा और खाद के प्रयोग विधि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों को दिलवाने की आवश्यकता है. श्री सिंह को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने पटना में आयोजित सेमिनार में आधुनिक यांत्रिकरण उपयोग के लिए सम्मानित किया है. वही इन्हें महाराष्ट्र के जलगांव में अमित संस्था ने लीची के लिए देश का दूसरे स्थान पर उद्यान रत्न से सम्मानित कर चुका है. शिशा प्रोजेक्ट ने मशीनरी करण के लिए, संयुक्त कृषि निदेशक ने मुजफ्फरपुर में धान के फसल के लिए जिला के सर्वश्रेष्ठ किसान के रूप में सम्मानित कर चुका है. इसके अलावा किसानी के क्षेत्र में दर्जनों अवार्ड से श्री सिंह सम्मानित हो चुके हैं.

राधामोहन सिंह, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
गन्ने के साथ मिश्रित खेती से किसानों को ज्यादा फायदा है. वे गन्ने के फसल के साथ दलहन व तेलहन का उत्पादन कर अपने लागत खर्च को दूसरे फसल से निकाल सकते हैं और गन्ना फसल की कीमत उन्हें शुद्ध मुनाफा के रूप में होगा. इस तरह से खेती के लिए केविके में बराबर प्रशिक्षण आयोजित किये जा रहे हैं. जिसका लाभ किसान उठा सकते हैं.

डा केके झा, कृषि विज्ञान केन्द्र, पीपराकोठी
मिश्रित खेती की तकनीक को विकसित करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र पीपराकोठी में आये दिन प्रशिक्षण देकर जिले के किसानों को दक्ष किया जा रहा है. जरूरत के अनुसार हमारे वैज्ञानिक किसानों के प्लॉट पर जाकर उनको तकनीक बताने का कार्य कर रहे हैं. इस विधि से किसानों को कम लागत में ज्यादा फायदा है.

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