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बिहार
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर टू लेन सड़क निर्माण का रास्ता साफ, डीएम ने सीओ संग की बैठक
By Deshwani | Publish Date: 30/8/2017 8:21:54 PM
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर टू लेन सड़क निर्माण का रास्ता साफ, डीएम ने सीओ संग की बैठक

मोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


इंडो-नेपाल बॉर्डर पर टू लेन सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पश्चिम चंपारण से पूर्वी चंपारण होते हुए किशनगंज तक 552.2 किलोमीटर में यह सड़क बननी है। पूर्वी चंपारण में इसकी लंबाई 77.2 किलोमीटर होगी। भू-अर्जन पूरा नहीं के कारण अब तक इसके निर्माण में पेच फंसी थी, जिसे अब काफी हद तक दूर कर लिया गया है। पूर्वी चंपारण में इस सड़क के लिए जरूरी 464 एकड़ में 339.21 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया है। उस पर अधियाची विभाग को कब्जा भी दिलाया जा चुका है। शेष भूमि भी 31 दिसंबर से पहले अधिगृहित कर ली जायेगी। इसको लेकर डीएम रमण कुमार ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी व सीमावर्ती अंचलों के सीओ के साथ बुधवार को बैठक की। डीएम ने कैंप लगा कर रैयतों की जमीन की एलपीसी व राजस्व के अन्य कागजात तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि 30 सितंबर तक बाकी बचे रैयतों को पैसे का भुगतान किया जा सके।  ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के सामानांतर बनने वाली इस सड़क के निमाण पर करीब 36 हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं। कुल खर्च का 53.3 प्रतिशत राज्य सरकार व 46.7 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। हालांकि, वर्ष 2015-16 में ही निर्माण कार्य पूरा होना था।
 बॉर्डर पर बनने वाली यह सड़क बिहार के सात जिलों से होकर गुजरेगी। इसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज जिले शामिल हैं। इस महत्वकांक्षी परियोजना के पूरा होने से न केवल बॉर्डर इलाके के लोगों को फायदा होगा। बल्कि, सीमा के नजदीक बने एसएसबी के सैकड़ों कैंपों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। असम समेत पूर्वत्तर के राज्य और नजदीक हो जाएंगे। सीमा क्षेत्र की जनता को बेहतर सड़क की सुविधा उपलब्ध कराना इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है।

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