मोतिहारी, (हि.स.)। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। उधर, ढाका, पताही में आई बाढ़ के बाद जहां जलस्तर कम होने लगा है, वहीं सुगौली, बंजरिया, मोतिहारी शहर के साथ-साथ प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। इस कारण मोतिहारी-लखौरा-छौड़ादानो पथ व मोतिहारी-सुगौली पथ पर आवागमन बंद हो गया है।
मोतिहारी से सुगौली और रक्सौल के लिए ट्रेन का परिचालन बंद है। ढाका में सेना के जवानों के साथ एसडीओ मनोज रजक और डीएसपी बमबम चौधरी ने कमान संभाल रखा है। वहीं, राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ टीमों को लगाया गया है। डीएम रमण कुमार ने बताया कि बाढ़ राहत कार्यों को निबटाने के लिए जिला प्रशासन ने और टीम की मदद मांगी है। बाढ़ में अब तक मोतिहारी शहर में करीब 12 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में गुलरिया अहिरटोली के रामतली खातून, लखौरा कचहरी टोला में अच्छेलाल पासवान, ढाका खुरहनी में महेंद्र साह, चिरैया हरनरायण में विनोद दास के पुत्र गौतम और कृष्णा दास की मौत हो गयी है।
वहीं, मोतिहारी से पानी में तैर रहे एक किशोरी का शव बरामद किया गया है। इधर, अरेराज में गंडक नदी में आई उफान से बांंध के पांच स्थानों मननपुर, सरेया, बड़हरवा, कजरा, भवानीपुर में पानी का रिसाव जारी है।
वहीं, रक्सौल से मिली जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले केसरे हिंद बांध के टूट जाने से रामगढ़वा और सुगौली प्रखंड के सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहीं, बाढ़ के तीसरे दिन भी प्रभावित गांवों में प्रशासन की ओर से अब तक कोई सहायता नहीं पहुंचायी जा सकी है।
हालांकि एनडीआरएफ के टीम के साथ-साथ सेना की एक टुकड़ी ने रामगढ़वा प्रखंड में बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए बुधवार सुबह कमान संभाल ली, लेकिन शाम को इस बात की सूचना मिली कि सेना के जवान मोटरवोट व नाव नहीं होने के कारण अभियान को अंजाम नहीं दे सके और वे वापस मुख्यालय लौट आये।