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भारत-नेपाल मैत्री पुल जर्जर, इसपर चढ़ते ही कांपने लगता कलेजा, सांसत में रहती जान
By Deshwani | Publish Date: 20/7/2017 8:18:22 PM
भारत-नेपाल मैत्री पुल जर्जर, इसपर चढ़ते ही कांपने लगता कलेजा, सांसत में रहती जान

रक्सौल। अनिल कुमार


भारत और नेपाल को जोड़ने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित भारत नेपाल मैत्री पुल की मरम्मत और मेंटेनेंस के मामले में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से तत्काल संज्ञान लिए जाने की अपील करते हुए समाजसेवी - डा. स्वयंभू शलभ द्वारा इस पुल के नियमित मेंटेनेंस और सौन्दर्यीकरण की जिम्मेदारी तय किये जाने की मांग की गई है।
इस अपील को आज प्रधान मंत्री कार्यालय ने निबंधित किया। इस अपील में बताया गया है कि वर्ष 1996-97 में भारत सरकार के आर्थिक सहयोग से सीमावर्ती रक्सौल और वीरगंज के बीच राईट कंस्ट्रक्शन के अधीन इस पुल का निर्माण यूपी स्टेट ब्रिज कारपोरेशन लिमिटेड ने किया था, लेकिन निर्माण के बाद इस पुल की मरम्मत और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली।
नेपाल का मुख्य प्रवेश द्वार होने के कारण नेपाल के लिए जाने वाले अधिकांश मालवाहक ट्रक इसी पुल से होकर गुजरते हैं। इसी पुल पर भारतीय कस्टम के सहायक आयुक्त का कार्यालय भी स्थित है। अंतरराष्ट्रीय महत्व की इस पुल की रेलिंग कई जगहों पर टूटी हुई है। पुल के स्लैब का कंक्रीट  उखड़ चुके हैं, जिसमें कई जगहों पर बड़े- बड़े गड्ढे बन गए हैं।
हर साल बारिश के दिनों में इस पुल की हालत और खराब हो जाती है। कीचड़ और गड्ढे में पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। गड्ढे में गाड़ियां फंस जाती हैं। मजबूरी में साइकिल और मोटर साइकिल सवार भी पुल की सड़क छोड़कर पुल के फुटपाथ पर चलते हैं। इस पुल के समीप प्रस्तावित रेल ओवरब्रिज का कार्य आरंभ नहीं हो पाने के कारण यहां जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है। इस मैत्री पुल के क्षतिग्रस्त होने से हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। नेपाल से सड़क मार्ग होकर भारत आने वाले पर्यटक पहली बार इसी प्रवेश द्वार पर भारत दर्शन करते हैं। वे यहां की कैसी छवि अपने मन में लेकर जाते होंगे यह भी एक चिंतन का विषय है। इस पुल का मरम्मत कार्य तत्काल आरंभ कराये जाने के साथ इसके नियमित मेंटेनेंस और सौन्दर्यीकरण की जिम्मेदारी तय किया जाना आवश्यक है। इस पुल के साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है।

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