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फॉलोअप: पहले पूछा स्कूल के निदेशक का पता, फिर खोल दिया एके-47 का मुंह
By Deshwani | Publish Date: 3/7/2017 8:14:01 PM
फॉलोअप: पहले पूछा स्कूल के निदेशक का पता, फिर खोल दिया एके-47 का मुंह

- प्रतिदिन 11 बजे स्कूल आते थे विकास गिरि, ठीक 10:56 में पहुंचे थे अपराधी
- काफी देर तक एके-47 की फायरिंग से दहलता रहा इलाका, पुलिस व्यूह रचना पर उठ रहे सवाल
- डीएसपी ने राणा गिराेह के हाथ होने की जताई आशंका
रक्सौल। अनिल कुमार


रविवार की छुट्टी के बाद स्कूल सोमवार को अपने नीयत समय से खुला और पठन-पाठन का काम भी रोज की भांति ही संचालित हो रहा था। किसी को आने वाले खतरे का एहसास तक नहीं था, किसी को सपने में भी अंदेशा नहीं था कि कोई स्कूल परिसर में घुस मौत का खुला खेल खेलने वाला है। ठीक 10:56 पर दो मोटरसाईकिल से चार अपराधी रक्सौल शहर के चर्चित कैम्ब्रिज पब्लिक स्कूल के मुख्य द्वार के पास पहुंचे। मुख्य द्वार के पास मौजूद चालक व गार्ड का कहना था कि अपराधी स्कूल द्वार पर आते ही निदेशक विकास कुमार गिरी का नाम लेकर गाली देते हुए पूछा कि वह कहा है। चालकों ने बताया कि विकास सर विद्यालय नहीं पहुंचे है। तो अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। ऐसा माना जा रहा है कि अपराधी स्कूल के निदेशक विकास गिरि को टारगेट कर के विद्यालय पहुंचे थे, क्योंकि विकास कुमार गिरि प्रतिदिन 11:00 बजे स्कूल पहुंचते थे और अपराधी 10:56 मिनट पर विद्यालय पहुंच कर फायरिंग की।


दो अपराधी विद्यालय परिसर में दाखिल हुए और मुख्य द्वार के पास ही से फायरिंग करना शुरू कर दिया। एक अपराधी एके 47 से फायरिंग कर रहा था तो दूसरा अपने दोनो हाथों में 9 एमएम की पिस्टल ले फायरिंग कर रहा था। फायरिंग से स्कूल बस के दो चालक रामनरायण यादव, विक्रमा राउत व सिक्यूरीटी गार्ड ध्रुव गिरि घायल हो गए।  सिक्यूरिटी गार्ड के पैर को छूते हुए गोली निकल गई थी, तो रामनारायण यादव व विक्रमा राउत के पैर में गोली लगी थी, जिसके बाद दोनों को डंकन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती  कराया गया, जहां विक्रमा राउत को पटना रेफर कर दिया गया है। इस दौरान अपराधियों ने स्कूल बस पर भी फायरिंग की थी। घटना की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर उग्रनाथ झा अपने दल-बल के साथ विद्यालय पहुंचे तो कुछ ही देर बाद एसडीपीओ राकेश कुमार विद्यालय पहुंच कर जांच शुरू कर दी।


दो बाइक पर सवार हो आए थे चार बदमाश

अपराधी एक उजले रंग की आपाची बाइक तो दूसरी बाजाज की विक्रांत बाइक से पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि मोटरसाईकिल पर पीछे बैठा अपराधी एसएसबी जवानों की तरह का ड्रेस पहने हुए था। घटना को अंजाम देने के बाद आराम से अपराधी मनोकामना माई के पास फायरिंग करते वापस लौट गए। जिसके बाद खबर शहर में आग की तरह फैल गई और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक बेचैनी से विद्यालय पहुंचने लगे व एक दूसरे से मोबाइल पर स्कूल में हुए घटना के संबंध में जानकारी लेने लगे। घटना के एक घंटा बाद विद्यालय के चेयर मैन व निदेशक विकास गिरि के पिता सतीश गिरि विद्यालय पहुंचे, जिसके बाद एसडीपीओ राकेश कुमार से बातचीत की। पूछे जाने पर सतीश गिरि ने किसी तरह की जानकारी देने से इंकार किये। हालांकि एसडीपीओ राकेश कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जांच चल रही है। हालांकि उन्होंने घटना में राणा गिरोह के हाथ होने का संकेत दिया।


सहमे-सहमे दिखे बच्चे, अभिभावक रहे बेचैन
घटना के बाद स्कूल में पढ़ रहे बच्चे सहमे-सहमे से दिखे। वहीं अभिभावक भी काफी बेचैन रहे। ज्योंहि उन्हें घटना की जानकारी हुई वे भागे-भागे विद्यालय पहुंचे। बच्चों को सही-सलामत देख सबकी जान में जान आई। सभी विद्यालय परिसर में घुसकर अपराधियों द्वारा की गई इस हरकत पर क्षोभ जता रहे थे। उनका कहना था कि यह तो उपर वाले का शुक्र था कि बच्चे फायरिंग की जद में नहीं आए। वहीं पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर भी उंगलियां उठने लगी है।

निदेशक ने विद्यालय में फायरिंग को कायरतापूर्ण हरकत बताया, रंगदारी से किया इन्कार


विद्यालय परिसर में अपराधियो द्वारा एके-47 से फायरिंग किये जाने करी विद्यालय प्रबंधन ने निंदा की है। निदेशक विकास गिरि ने दूरभाष पर कहा कि यह अपराधियों द्वारा कायरतापूर्ण कार्य किया गया है। विद्यालय एक व्यक्ति का नहीं होता है और विद्यालय में सैकड़ों अभिभावक के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में अपराधियों को भी यह सोचना चाहिए कि हजारों बच्चों के सामने इस तरह के घटना के अंजाम देने से उनके उपर कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुझे इससे पहले किसी भी तरह से इस तरह की घटना होने का अंदेशा नहीं था। पूछे जाने पर साफ-साफ कहा कि उनसे पहले रंगदारी नहीं मांगी गयी। अब घटना के बाद पुलिस को अपना काम करना चाहिए।

बेतिया एसपी ने शुरू की जांच
बेतिया एसपी विनय कुमार दोपहर के 2:40 में विद्यालय पहुंचे और जांच शुरू कर दी। उन्होंने विद्यालय पहुंचते ही सीसीटीवी फुटेज देखना शुरू कर दिया| उनके साथ एसडीपीओ राकेश कुमार, इंस्पेक्टर उग्रनाथ झा मौजूद थे। तीनों अधिकारी कमरा बंद कर घंटों गहन मंत्रणा की। हालांकि कुछ भी बताने से इंकार करते रहे। एसडीपीओ राकेश कुमार ने इशारे-इशारे में कहा कि राणा गिरोह का हाथ हो सकता है, वैसे पुलिस तहकीकात कर रही है।

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