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बिहार
दोस्ती की नई परिभाषा गढ़ गया मोतिहारी जिला स्कूल 1982 मित्रमंडली महामिलन समारोह
By Deshwani | Publish Date: 10/6/2017 8:12:36 PM
दोस्ती की नई परिभाषा गढ़ गया मोतिहारी जिला स्कूल 1982 मित्रमंडली महामिलन समारोह

- अंतिम दिन भी ताजा हुईं पुरानी यादें, गीत-संगीत व अंत्याक्षरी ने जोड़े  दिलों के तार
- हुई घोषणा- यह कार्यक्रम का आगाज, आगे भी जारी रहेगा सिलसिला, जमती रहेगी दोस्तों की महफिल
 

मोतिहारी। सचिन कुमार सिंह


इस भागमभाग वाली जिंदगी में जहां इंसान को एक सेंकेंड भी पीछे मुड़कर देखने की फुर्सत नहीं, वहां 35 साल पीछे जाना और काम के सिलसिले में यहां-वहां बिखरे दोस्तों को एक जगह करना, फिर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन। यह और कुछ नहीं दोस्ती का वह नेक जज्बा है, जिसने इस कठिन से काम को भी आसान बना दिया। यही वजह है कि इस कार्यक्रम की जन सिर्फ सराहना हो रही है, वहीं कई लोग अब इस तरह के आयोजन को अपने बैच के मित्रों के साथ दुहराने का ताना-बाना बुनने लगे हैं। जी हां, जिला स्कूल 1982 मित्रमंडली महामिलन समारोह 2017 ने दोस्ती को एक नया आयाम दिया है। यह सब संभव हो पाया है जकार्ता में रहने वाले नंदलाल जी, राजेश पांडेय, नीरज, विनय चतुर्वेदी के अथक प्रयास से। जिन्होंने एक साल पूर्व से सभी मित्रों को पहले वर्चुअल दुनिया से जोड़ना शुरू किया। भूले-बिसरे मित्रों की कड़ियां जुड़ती चली गईं और फिर देखते ही देखते बहुत सारे मित्र पहले व्हाट‍सएप्प ग्रुप से जुड़े इसके बाद इस कार्यक्रम की रूपरेखा तय हुई, जिसने आज मूर्त रूप पा लिया।



अंत्याक्षरी के साथ-साथ सजी गीत-संगीत की महफिल
जिला स्कूल 1982 बैच मित्र मंडली का महामिलन कार्यक्रम ने जिले में अटूट दोस्ती की अनुपम मिसाल कायम की। एक इतिहास रचा गया। एक ऐसी लकीर खींची गई, जिसपर आनेवाली पौध अनुसरण करना चाह रही है। इस कार्यक्रम का पूरे जिले में ऐसा जलवा रहा कि जिसने भी इसके बारे में सुना और देखा, उनके मुख से अनायास ही निकला- वाह-वाह, क्या बात है। जिला स्कूल सभागार में शुक्रवार से चल रहे जिला स्कूल मित्र मंडली 82 महामिलन का शनिवार को अंत्याक्षरी, रंगारंग कार्यक्रम और लजीज खानपान के साथ समापन हुआ। मालूम हो कि देश-विदेश से करीब 100 दोस्तों के परिवार के 400 सदस्य इसमें शामिल हुए। समापन सत्र आज सुबह ब्रेकफास्ट से शुरू हुआ। इसके बाद दो दलों के बीच अंत्याक्षरी प्रतियोगिता हुई। एक में मित्रगण। दूसरे दल में उनकी पत्नियां व बेटे-बेटियां। अंत्याक्षरी का संचालन अंजनी अशेष व विनय चतुर्वेदी कर रहे थे। यह दौर इतना रोचक रहा कि इसका सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। इसमें महिलाओं व बच्चों ने जीत का परचम लहराया। गीत संगीत का कार्यक्रम भी चला जिसमें ममता पाण्डेय के मधुर गीतों ने सबको झुमाया। इन्होंने झिलमिल सितारों का आंगन होगा, एक-एक बरसता सावन होगा... गाकर अपनी गायकी का लोहा मनवाया। वहीं राजेश पांडेय, नीरज कुमार व संजय श्रीवास्तव ने शोले फिल्म का गाना ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेगे गाकर यारी-दोस्ती की इस महफिल को माकूल ऊंचाई बख्शी।



जिला स्कूल हॉस्टल का भ्रमण कर जीवंत की पुरानी स्मृतियां


इसके बाद सभी लोग जिला स्कूल स्थित हॉस्टल पहुंचे, जहां आजकल केंद्रीय विवि का संचालन हो रहा है। इतने लोगों की एक साथ भीड़ देख विवि प्रशासन भी पहले तो हतप्रभ रह गया। बाद में जब यह पता चला कि यह पूरी भीड़ जिला स्कूल के उन पूववर्ती छात्रों का परिवार है, जिन्होंने अपनी स्कूल लाइफ इन्हीं होस्टल में रहकर गुजारा और मैट्रिक तक की शिक्षा ग्रहण की। यह सुन विवि कर्मी भी भावुक हो गए। इस दौरान बच्चे भी काफी कौतुक से हाॅस्टल का मुआयना कर रहे थे। उनके लिए यह खास मौका था, अपने पिता के स्कूल के दिनों की याद साझा करने का। इसके बाद पूरी मित्र मंडली फोटो सेशन में व्यस्त हो गया। कार्यक्रम का समापन इंडोनेशिया के जकार्ता से आए नंदलाल ने किया। इस मौके पर कहा कि यह कार्यक्रम अनवरत जारी रहना चाहिए। मौके पर सच्चिदानंद प्रसाद, जामनगर, राणा केशव लखनउ, नंद किशोर मिश्रा, अरूणाचल, यूनिवर्सिटी प्रोफोसर मनोज, गेन्द्र महतो, गणेश बैठा, विंदेश्वरी यादव, जवाहर यादव, अधिवक्ता विजय कुमार, नसीम अहमद, सैयद इम्तेयाज अहमद, राजेश पाण्डेय, नीरज कुमार, विजय कुमार, संजय कुमार, प्रमोद कुमार व विनय परिहार, मणिभूषण व दिवाकर शर्मा सहित कई मित्र मौजूद थे। सबने फिर से मिलने के वादे के साद अल विदा कहा।


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