लोहरदगा
पहाड़ी इलाके में डायरिया से कई पीड़ित लोग
By Deshwani | Publish Date: 11/8/2017 10:43:32 AMलोहरदगा, (हि.स.)। किस्को प्रखंड क्षेत्र के प्रभावित देवदरिया पंचायत अंतर्गत ग्राम उलदाग सोपारंग में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। डीसी विनोद कुमार ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. पैट्रिक टेटे को प्रभावित इलाके में भेजा। सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जानकारी ली और पीड़ित परिवारों से मिलकर राहत कार्य चलाने का निर्देश दिया।
गांव के कई भुइयां परिवार डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी के चपेट में पड़ कर जिंदगी और मौत का सामना कर रहे हैं। ग्राम सोपारंग में डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रषित भुइयां परिवारों को झारखण्ड अलग राज्य होने के बाद ये आस और विश्वास जगा था कि अब हमारे भी दिन बहुत जल्द बहुरेंगे लेकिन इन बेवस परिवारों के लिए अलग झारखंड से मिलने वाली सपना अबतक सपना ही बनकर रह गया है। गांव में न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही स्वास्थ्य की व्यवस्था। सड़क नाम का चीज गांव में जाने के लिए है ही नहीं साथ ही बिजली इनके लिए तो सोचना भी बेमानी है। यदि कोई बीमार पड़ जाते हैं तो चार किलोमीटर दूर पैदल चलकर उप स्वास्थ्य केंद्र खरचा जाना पड़ता है लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में विभाग की लापरवाही का नतीजा है कि ओआरएस का घोल पाउडर तक व्यवस्था नहीं रहता है। ऐसे में गांव के लोग मजबूरन स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाकर किसी अन्य अस्पताल में जाकर अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं।
प्रखण्ड के देवदरिया पंचायत के सोपारंग गांव में अबतक स्वास्थ्य शिविर लगाना तो दूर की बात गांव में स्वास्थ्य विभाग के अलावे किसी भी विभाग की ओर से जागरुकता अभियान तक नहीं चलाया गया है। देवदरिया के उलदाग सोपारंग निवासी भुइयां परिवार को शुद्ध क्या होता है ये अबतक मालूम नहीं है। ग्रामीण नदी का पानी पीने को मजबूर हैं। गांव में दो चापानल नाम मात्र के लिए तो है लेकिन सालों भर खराब पड़ा रहता है, जिससे पीने का पानी के लिए इन परिवारों को काफी भाग-दौड़ भरी जिंदगी गुजारना पड़ रहा है।
सोपारंग के भुइयां परिवारों में आफतों का पहाड़ सिर्फ इस बार ही नहीं बल्कि अनेकों बार टूट चूका है लेकिन किसी ने इनकी मदद के लिए आगे नहीं आये। अब तक डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में उलदाग सोपारंग गांव के नौ लोग गम्भीर रूप से पीड़ित हैं। अब तब सांस रुकने की स्थित में हैं। यहां पिछले 20 वर्षो से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई शिविर नहीं लगाया गया है।