झारखंड
शिक्षा में सुधार के लिए अनुसंधान पर हो जोर
By Deshwani | Publish Date: 15/6/2017 5:24:36 PMलोहरदगा, (हि.स.)। शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में गुरुवार को गुमला विभाग स्तरीय शिशु विद्या मंदिरों के आचार्यों की संगोष्ठी हुई। मौके पर प्रांतीय प्रमुख अमरकांत झा ने कहा कि शोध को अनुसंधान भी कहा जाता है। अनुसंधान का अर्थ अभीष्ट बिंदु को खोजना है। शिक्षा में सुधार के लिए अनुसंधान आवश्यक है। मौके पर शशि शेखर दुबे ने कहा कि अनुसंधान वैदिक काल से चला आ रहा है। उन्होंने बताया कि अनुसंधान तीन प्रकार के प्रयोगात्मक, व्याख्यात्मक व वर्णात्मक होते हैं।
विद्यालय में बच्चों को केंद्र बिंदु मानकर क्रियात्मक शोध किया जाए तो उनके पठन-पाठन तथा अनुशासन में सकारात्मक सुधार लाया जा सकता है। डॉक्टर रमेश मणि पाठक ने भी विद्यालयों में शोध के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रबंध कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष शशिधर अग्रवाल एवं सचिव अजय प्रसाद ने विद्या भारती के इस पहल की सराहना की। मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य कुमार विमलेश, विद्यालय प्रबंध कार्यकारणी समिति के अध्यक्ष शशिधर लाल अग्रवाल, अजय प्रसाद, रमेश मणि पाठक, अमरकांत, आदित्य प्रकाश जालान, प्रोफेसर शशि शेखर दुबे सहित विभाग के विभिन्न विद्यालयों के 25 आचार्य उपस्थित थे।