किशनगंज, (हि.स.)। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से जिले की महानंदा ,कनकई, बुढ़ी, कौल, मैची तथा रतुआ आदि नदियां उफान पर हैं। उल्लेखनीय है कि इस जिले के सभी प्रखंड इन नदियों के किनारे ही बसे हैं और नदियों में उफान आने से जिला मुख्यालय में कई प्रखंड के लोगों को आवागमन में परेशानी हर साल बढ़ जाती है।
सबसे अधिक पिछड़े प्रखंड टेढागाछ को जोड़ने वाली दिघलबैंक एवं बहादुदरगंज प्रखंड के बीच लौचा पंचायत जो टेढागाछ प्रखंड क्षेत्र में कौल, रतुआ एवं कनकई नदियों में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण उफान आने से लौचा का चचरी पुल धवस्त होने के कगार पर है । इसके बावजूद आवागमन का एक मात्र सहारा उसी चचरी पुल से हर रोज आज भी हजारों लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करने पर मजबूर हैं।
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी रामाशंकर सिंह के अनुसार जिले के सभी नदियों में जल स्तर खतरे के निशान को तो पार नहीं किया है, लेकिन नदियों के किनारे बसने वाले लोगों को चेतावनी जारी कर दी गई है। फिर भी लंबी दूरी व समयाभाव के चलते उन प्रखंडों के लोग आज भी जान जोखिम में डालकर इसी पुल से होकर सफर कर रहे हैं।
अररिया जिला के पलासी एवं जौकी प्रखंडों के क्षेत्र से टेढागाछ प्रखंड के लोगों स्थानीय मुख्यालय आना पड़ेगा । टेढागाछ प्रखंड के लोगों को मुख्यालय आने की सुविधा हेतु वित्त् वर्ष 2010/11 में लौचा पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ और उसे 2013/14 तक पूरा करना था। लेकिन कार्य की कच्छप चाल के कारण आज तक इसका निर्माण नहीं हो सका है ।