खुंटी
परेशानी का सबब बनी रेजगारी
By Deshwani | Publish Date: 22/8/2017 3:46:34 PMखूंटी, (हि.स.)। एक समय था जब दुकानदार अपनी दुकानों और बसों में कृपया चेंज दें, का बोर्ड लगा कर रखते थे। स्थिति यह थी 10 फीसदी कमीशन पर दुकानदार खुदरे लेते थे, लेकिन अब स्थिति उलट हो गई है। अब एक, दो, पांच और दस के सिक्के दुकानदारों के लिए ही नहीं आम लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन गए हैं। एक, दो और पांच के सिक्के न दुकानदार लेना चाहते हैं और न ग्राहक। शहरों में तो किसी तरह काम चल जाता है, लेकिन गांव के छोटे दुकानदार खुदरा पैसा लेने को तैयार नहीं हैं।
दुकानदारों का कहना है कि न महाजन चेंज लेता है और न ही बैंक। तोरपा में पान गुमटी चलाने वाले हेमन्त गुप्ता कहते हैं कि खुदरा के कारण उनकी दुकानदारी बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि छोटी सी दुकान में 20 हजार से अधिक का खुदरा जमा हो गया है। कोई थोक विक्रेता, पेट्रोल पंप या बैंक रेजगारी लेने को तैयार नहीं है। इसके कारण न वे सामान खरीद पा रहे हैं और न बेच पा रहे हैं।
खूंटी पिपरातोली के व्यवसायी मनोरंजन मुंडा कहते हैं कि नोट बन्दी से भी इतना प्रभाव व्यापार में नहीं पड़ा था। रेजगारी से काफी परेशानी हो रही है। रेजगारी न लेने के संबंध में एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि खुदरा पैसा गिनने की मशीन बैंकों में नहीं है। हाथ से गिनने में काफी समय लगता है। बैंक में हमेशा भीड़ रहती है। ऐसी स्थिति में खुदरा लेना कठिन है। खूंटी के एक पेट्रोल पंप संचालक ने कहा कि भीड़ में खुदरा गिनने की फुर्सत किसे है? अब ऐसी स्थिति में ग्राहक और दुकानदार करें तो क्या करें?