बिहार
नदियों का अध्ययन कराकर जलनिकासी योजना को प्राथमिकता : नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 23/8/2017 9:01:25 PMकटिहार, (हि.स.)। कुदरत के सामने किसी का वश नहीं चलता है, अब तक मेरा ऐसा अनुभव नहीं था। अचानक आई बाढ़ की वजह से बहुत नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कटिहार जिले के कदवा प्रखण्ड में बाढ़ पीड़ितों से रूबरू होते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि कटिहार, पूर्णियां, अररिया, किशनगंज सहित सूबे के कई जिलों में आई विनाशकारी बाढ़ से सड़क, पुल, पुलिया, घर, फसल और जान माल का बहुत नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को रेस्टोरेशन करने के लिए बहुत ज्यादा परिश्रम करना होगा। बाढ़ पीड़ितों को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों का बाढ़ से घर टूटा है उसको घर बनाने के लिए पैसा देंगे। एक तिहाई से ज्यादा फसल बर्बाद हुई होगी तो उसे सरकार द्वारा सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की भयावहता को देखते हुए बिहार आपदा प्रबंधन के साथ-साथ 27 एनडीआरएफ की टीम व साथ सेना के जवान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत सामग्री लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि यह दुख की घड़ी है और हम आपके बीच आये हैं, हमसे जितना बन पड़ेगा करेंगे पर इससे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि इतना तेजी से पानी आ सकता इसका अनुमान नहीं था। इसके लिए कोशी नदियों का अध्ययन जल्द करवाया जाएगा तथा जल निकासी का उपाय खोजना पड़ेगा कि अगर पानी तेजी से आती है तो निकलेगी कैसे। जल निकासी को भी प्राथमिकता देते हुए आगे की योजना पर काम किया जाएगा। कटिहार दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री ने सामुहिक किचन, स्वास्थ्य शिविरों का मुआयना कर अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।