बिहार
बोलबम के जयघोष से गूंजा कटिहार का गोरखनाथ धाम
By Deshwani | Publish Date: 6/8/2017 12:26:59 PMकटिहार, (हि.स.)। कटिहार के गोरखनाथ धाम में प्रत्येक वर्ष सावन पूर्णिमा के अवसर पर भोलेनाथ को जलाभिषेक करनेे के लिए लाखों लोग आते हैं । इस अवसर पर भारत के कई राज्यों के अलावा भारत के पड़ोसी देश नेपाल एवं भूटान से भी लाखों की संख्या में कावरियों की टोली बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करने आते हैं। गोरखनाथ धाम मंदिर को मिनी बाबाधाम के नाम से भी जाना जाता है | इसके विषय में कहा जाता है कि बाबा गोरखनाथ देश भ्रमण के दौरान असम जाने के लिए यहाँ ठहरे थे। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध और सैकड़ो वर्ष पुराना है। कहा जाता है कि सावन के अवसर पर जलाभिषेक करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। यहाँ हर साल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
बता दें कि सूबे की सरकार ने गोरखनाथ धाम को पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु यदि झारखण्ड के बैधनाथ धाम में जलाभिषेक व मंदिर की परिक्रमा नहीं कर पाते है, तो गोरखनाथ धाम शिव मन्दिर के दर्शन करने से भी पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।
गोरखधाम मन्दिर कमिटी के सचिव ने बताया कि शिवभक्तों का गोरखनाथ धाम के भोलेनाथ के प्रति अटूट आस्था है। सावन पूर्णिमा के अवसर पर ऐसा लगता है कि साक्षात भगवान शिव जमीन पर उतर आये हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कटिहार के मनिहारी से गंगा जल लेकर कांवरिया लगभग 70 किमी पैदल उबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए भोले शिवशंकर को जलाभिषेक करने आते हैं। गोरखनाथ धाम का शिव मन्दिर देश के ग्यारह ज्योतिर्लिंगों से अलग है। सावन पूर्णिमा अवसर पर यहां बड़ा का आयोजन किया जाता है।