बिहार
जेडीयू महागठबंधन से अलग हुआ तो होगी मुश्किल : तारिक
By Deshwani | Publish Date: 2/7/2017 4:33:47 PMकटिहार, (हि.स.)। नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ 17 साल का पुराना संबंध तोड़ा है, और वैचारिक लड़ाई लड़ने की बात कही है। जेडीयू बिहार में चुनाव महागठबंधन के बैनर तले लड़ा है। अगर किसी कारण से नीतीश कुमार दुबारा बीजेपी से हाथ मिलाते हैं तो जेडीयू को आने वाले चुनाव में मुश्किल होगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह कटिहार सांसद तारिक रविवार को राष्ट्रवादी भवन कटिहार में प्रेसवार्ता कर रहे थे |
पत्रकारों के महागठबंधन से इतर जदयू के फैसले से जुड़े सवाल के जवाब में तारिक अनवर ने कहा कि भाजपा अवसरवादी पार्टी है, जीएसटी को लॉन्च करने के लिए संसद भवन के सेंट्रल हॉल को अपने राजनीतिक लाभ के लिये चुना। देश में अबतक एक सौ से उपर संवैधानिक संशोधन किया गया है । कई महत्वपूर्ण बिल पास किया गया, लेकिन उसे लॉन्च करने के लिए कभी भी सेंट्रल हॉल का दुरुपयोग नहीं किया गया।
एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था उस समय आधी रात को सेंट्रल हॉल में आजादी की घोषणा हुई थी। उसके बाद सिल्वा और गोल्डेन जुबली इस हॉल में मनाया गया था। राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार को लेकर नीतीश कुमार के वक्तव्यों पर तारिक अनवर ने कहा कि मैं नीतीश कुमार की बात से सहमत नही हूँ कि मीरा कुमार को हराने के लिए खड़ा किया गया है। लोकतंत्र में विपक्ष की भी भूमिका है। एनडीए सरकार राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को साथ में लेने का प्रयास नहीं किया। अगर विपक्षी दलों को विश्वास में लेने का प्रयास सरकार करती तो शायद राष्ट्रपति चुनाव को टाला जा सकता था। लेकिन जिस प्रकार से रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा जल्दबाजी में सरकार ने की, यह उचित नहीं है। पहले नाम की घोषणा होती है, बाद में समर्थन मांगा जाता है। राष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है और इस पद में जातिवाद को कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए।