जमुई
पुलिस ने किया फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
By Deshwani | Publish Date: 28/12/2016 7:27:25 PM
जमुई/ सिकन्दरा।
बिहार में जमुई जिले के सिकन्दरा प्रखंड के अचम्भो गांव में बिना खाता खुले बैंकों द्वारा डेविड कार्ड भेजे जाने के मामले में सिकन्दरा पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। मामले की बात मीडिया में सामने आते ही पुलिस हरकत में आ गई और जांचोपरांत फर्जीवाड़े के मामले का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने इस मामले में पीएनबी बैंक सिझौड़ी से संबद्ध ग्राहक सेवा केंद्र गोखुला फतेपुर के संचालक सतीश कुमार, खरडीह ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक ज्ञान रंजन उर्फ़ राकेश एवं बिचौलिया कौशल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
सीएसपी संचालको ने पुलिस के समक्ष यह कबूल किया कि रोजगार सेवक के मिलीभगत से दो प्रतिशत के कमीशन पर उक्त कार्यो को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने पूर्व मुखिया सूमा देवी को भी हिरासत में ले लिया है। थानाध्यक्ष विवेक भारती ने बताया कि अचम्भो गांव में बिना खाता खुले हुए पंजाब नेशनल बैंक का बहुत सा एटीएम आया हुआ है जिसके जांच के क्रम में यह पाया गया कि पंजाब नेशनल बैंक के दो सीएसपी ग्राहक सेवा केंद्र सिकन्दरा में सैकड़ो ग्राहकों का खाता खुला हुआ था जिसमें हाल के दिनों में 42 सौ रूपये का फर्जी ट्रांजक्शन हुआ है जिसकी फर्जी निकासी बिचौलियों की मदद से की जाती है। बिचौलियों में सिकन्दरा थानाक्षेत्र के पोहे निवासी पप्पू सिंह एवं अचम्भो निवासी कौशल सिंह का नाम सामने आया है । साथ ही मनरेगा से सम्बंधित रोजगार सेवक राजेश कुमार उर्फ सुमन की संलिप्ता उजागर हुई है। इस मामले में रोजगार सेवक की बड़ी भूमिका रही है।
गायब बिचौलिया पप्पू सिंह एवं रोजगार सेवक राजेश सुमन को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जायेगा। थानाध्यक्ष भारती ने बताया कि इस 865 डेबिट कार्ड को जब्त कर उसकी जांच की जा रही है। फिलहाल इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक के अन्य कागजातों को खंगाला जा रहा है। साथ ही इस बैंक के दो अन्य सीएसपी केंद्र मंजोश एवं रौशनडीह(महादेव सिमरिया) की भी जांच की जायेगी। इससे संबंधित मामले सामने आने पर उन सीएसपी संचालकों एवं बिचौलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा। ज्ञात हो कि इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब पुलिस ने पीएनबी की शाखा सिझौड़ी पहुंचकर संबंधित अभिलेख की जांच की | जाँच में पता चला कि यह मामला मनरेगा से जुड़ा फर्जीवाड़े का है। इसमें बड़े पैमाने पर ग्राहक सेवा केंद्र, मनरेगा कर्मी व बिचौलियों की मिलीभगत का मामला उजागर हुआ।