रांची, (हि.स.)। राजधानी, रांची में तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। पारा लुढ़कने से सर्दी का सितम बढ़ा है जिससे राजधानी रांची में बेघर, फुटपाथ पर गुजर-बसर करने वालों पर आफत टूट पड़ी है ।
विधानसभा के ठीक सामने स्टैंड पर बैठी एक महिला जो ठीक से मेरी बात को समझ नहीं पा रही थी, ने टूटी-फूटी भाषा में बताया कि उसकी सुध लेने वाला कौन है? यहां रेहड़ी लगाने वाले दुकानदारों को उस पर दया आती है तो कुछ खाने और ओढ़ने के लिए उसे दे देते हैं। सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है। रात के समय बारिश और ठंड से बचने के लिए आपस में ही सब लोग एक ही कंबल में सिकुड़ कर इस शेड के नीचे रात गुजार लेते हैं। उनका कहना था कि आगे ठंड बढ़ने से हमारी मुश्किलें और बढ़ेंगी। सरकार की ओर से सुविधाओं के अभाव के चलते बेघर खुले में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
राजधानी रांची के विधानसभा गेट, मोरबादी, बिरसा चौक, हटिया स्टेशन के पास फुटपाथ पर जमीन पर सोने को मजबूर ये बेघर लोगों का कहना है कि अभी तो ठंड की शुरुआत है लेकिन बारिश की वजह से गत दो दिनों से ठंड अधिक पड़ने से दिन तो किसी तरह गुजर जाता है, लेकिन रात काटनी मुश्किल हो रही है। रात में हवा सुई की तरह चुभती है। ठंड से बचने की सारी जुगत कपड़े नहीं होने के चलते धरी की धरी रह जाती है।
ये बेघर लोग आने-जाने वाले हर राहगीर से खाने के लिए पैसे व पहनने के लिए कपड़े मांग रहे थे। बेघर दर्शन कहते हैं कि क्या करें, अचानक ठंड ज्यादा बढ़ गई। हमारे पास पहनने और ओढ़ने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं हैं। इसलिए मांगना पड़ता है। कई लोगों ने मदद की, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने हमारी तरफ देखा तक नहीं। सर्दी से बचने के लिए बेघर फ्लाईओवर के नीचे, अंडरपास व फुटपाथ को आशियाना बना रहे हैं।