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चिकित्सा के अभाव में किसी की मौत न हो : मुख्यमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 17/11/2017 5:24:34 PM
चिकित्सा के अभाव में किसी की मौत न हो : मुख्यमंत्री

 रांची,  (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि पैसे या चिकित्सा सुविधा के अभाव में किसी की मौत न हो, यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार इस लक्ष्य के साथ काम कर रही है जिसमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर व्यक्ति का जीवन कीमती है। इसका हम सब को मानवीय संवेदना के साथ ध्यान रखना है। राज्य के जनजातीय और अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है, इन्हें प्राथमिकता दें। लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए मिशन मोड में काम करें। लक्ष्य बनाकर समयबद्ध तरीके से काम करें, तभी सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में राज्य में शुरू की गयी दो नयी स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे थे। इनमें मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और 108 एंबुलेंस सेवा शामिल हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। 108 एंबुलेंस सेवा और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगी। राज्य में मातृत्व-शिशु मृत्यु दर के साथ इलाज के अभाव में वंचित तबके की मृत्यु दर में भी कमी आयेगी। स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर व सहायक कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें, ताकि मरीज आये तो इलाज हो सके। रात में काम करनेवाले सभी कर्मियों को नाइट एलाउंस दें। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा को आपातकालीन मेडिकल सेवा 108 का नाम दें, ताकि हर व्यक्ति इसका काम समझ सकें। राज्य के जनजातीय व अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में पहले यह सेवा शुरू करें। इन क्षेत्रों में 108 के अलावा अतिरिक्त एंबुलेस की सुविधा बहाल करें। इन क्षेत्रों में अभी स्वास्थ्य सेवाओं की काफी कमी है। एंबुलेंस को इस तरह से सुसज्जित करें, ताकि जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिला की डिलिवरी भी वहां हो सके। संस्थागत प्रसव से इसे जोड़ें। इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें। लोगों तक बात पहुंचायें कि किसी भी घटना होने पर तत्काल 108 पर सूचना देकर किसी की जान बचायी जा सकती है। सूचना देने पर लोगों को परेशानी का डर रहता है। उन्हें आश्वस्त करें कि 108 पर कॉल करने पर पुलिस का झंझट नहीं रहेगा। मानव धर्म का निर्वहन करते हुए लोगों की जान बचायें। मार्च तक सभी 329 एंबुलेंस कार्यरत हो जायें, इसे सुनिश्चित करें। अभी 2000 मैनपावर है, जरूरत पड़े तो लोगों को बढ़ायें। 

उन्होंने कहा कि पहले चरण में दिसम्बर तक सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पाकुड, खुंटी, साहेबगंज, पलामू, गढ़वा जैसे जिलों में सेवा की शुरुआत करें। दूरस्त क्षेत्रों में जहां जनसंख्या है, उन क्षेत्रों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ायें। जीपीएस के माध्यम से सभी की रियल टाइम मॉनिटरिंग होती रहनी चाहिए। घटनास्थल पर एंबुलेंस निश्चित समय पर पहुंचे, इसे सुनिश्चित करें। नियमित रूप से इन सेवाओं का निरीक्षण करें। इसे पुलिस और अग्निशमन सेवा के साथ भी जोड़ें। 108 पर दुर्घटना, अपराध और आग लगने की सूचना दी जा सके ताकि तीनों में समन्वय रहे। विभाग के पास जो 200-250 सामान्य एंबुलेंस है, उनको भी अपग्रेड कर उपयोग में लायें। उन्होंने ममता वाहन व्यवस्था को भी सुचारू करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में मृत्युदर कम करना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए पैसे की कमी आड़े नहीं आयेगी। ममता वाहन के लिये केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही राशि में जो कमी है उस राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी। 

उन्होंने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के सभी लाभुकों के लिए कैंप लगाकर कार्ड जारी करने का निर्देश दिया। 28 दिसम्बर तक सभी लाभुकों को कार्ड मिल जाये, इसे सुनिश्चित करने को कहा। नवनियुक्त ब्लॉक और डिस्ट्रिक कॉ-ऑर्डिनेटर को कार्ड बनाने के काम से जोड़ा जायेगा। अस्पतालों की सूची में राज्य के सरकार अस्पतालों को भी शामिल करें। योजना के क्रियान्वयन में कंजूसी न बरतें। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि 108 निशुल्क एंबुलेंस सेवा है। यह टॉल फ्री नबंर है। 329 एंबुलेंस में से 289 बेसिक लाइफ सपोर्ट श्रेणी की और 40 एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट श्रेणी की हैं। इनमें 26-30 स्वास्थ्य संबंधी उपकरण लगें हैं। इन एंबुलेंस में मरीज का इलाज करते हुए अस्पताल तक पहुंचाया जायेगा। यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। 2000 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे।

 
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