झारखंड
2022 तक झारखंड बनेगा कुपोषण मुक्त राज्य : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 9/11/2017 8:34:10 PM रांची, (हि.स.) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विकास की आत्मा सामाजिक विकास है। जब तक सामाजिक विकास नहीं होगा, विकास की परिकल्पना पूर्ण नहीं होगी। झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है। हमें लक्ष्य करके मातृत्व मृत्युदर और शिशु मृत्यु दर में कमी लानी है। 2022 तक झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना है। इसमें कारपोरेट कंपनियों के साथ ही सामाजिक संगठनों का भी सहयोग जरूरी है। कंपनियों के कारपोरेट सोशल रिस्पॉसिब्लिटी (सीएसआर) फंड से भी इस काम में मदद ली जायेगी। आदिवासी व दलित बाहुल्य क्षेत्रों में इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है। रघुवर दास गुरुवार को प्रोजक्ट भवन में आयोजित इंडस्ट्री चैंपियन फॉर एसडीजी पुरस्कार 2017 कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर काम केवल सरकार से संभव नहीं है। सामाजिक कल्याण क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए 2015 में हमारी सरकार ने पहली बार देश में अनूठा प्रयोग करते हुए सीएसआर काउंसिल का गठन किया। इसमें कंपनियों के द्वारा खर्च किये जानेवाले सीएसआर फंड में से राशि जमा कर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर खर्च किये गये। इसका सकारात्मक असर दिखा। ओडीएफ समेत अन्य कार्यों में इस फंड से काफी सहयोग मिला। अब कुपोषण को समाप्त करने के लिए भी इस फंड से राशि खर्च करने की योजना है। कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। इंटीग्रेटेड न्यूट्रिशन मिशन प्रोग्राम का गठन किया गया है। इसकी बैठक जल्द की जायेगी। सामाजिक संगठनों की मदद से यह काम किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण समुचित पोषण नहीं मिल पाता है। इससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। सरकार जागरूकता कार्यक्रम में भी सामाजिक संगठनों की मदद लेगी। 2022 तक राज्य से कुपोषण समाप्त करना है। इसके लिए हर साल 4-5 जिलों को चुना जायेगा, जिन्हे कुपोषण से मुक्त कराया जायेगा। सबसे पहले सबसे कुपोषित जनसंख्या वाले जिलों में काम होगा। यदि ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया जाये, तो सफलता अवश्य मिलती है। पोषण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए राज्य सरकार पाठ्यक्रम में भी इसे शामिल करेगी। मौके पर अपर मुख्य सचिव अमित खरे और पद्मश्री बलवीर दत्त सहित अन्य लोग उपस्थित थे।