पाकुड़, (हि.स.)। जिला टास्क फोर्स की सक्रियता के कारण अवैध पत्थर उत्खनन और परिवहन पर काफी हद तक अंकुश लग गया है लेकिन लिट्टीपाडा के वन तथा कोयला माफिया की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है। तमाम प्रशासनिक कोशिशों के बाद भी लिट्टीपाडा के जंगलों से अवैध कोयले का उत्खनन और जंगल की कटाई बेरोकटोक जारी है।
लिट्टीपाडा प्रखंड के कुंजबोना ओर जोरडीहा पंचायत के छोटा घघरी, जापानी, सिमलौंग पहाड़ आदि के गांव के समीप जंगलों में अवैध कोयले का उत्खनन पड़ोसी जिला गोड्डा के धमनी बाजार के माफिया द्वारा किया जा रहा है। कोयला माफिया इलाके के मजदूरों के जरिए कोयले का उत्खनन करवा कर जमा करते हैं और जिल के अलावा पश्चिम बंगाल के ईंट भठ्ठों तक सुविधा शुल्क के एवज में पहुंचाते हैं। लोगों का आरोप है कि इस धंधे को स्थानीय प्रशासन का सहयोग प्राप्त है।
उधर प्रखंड में वन माफिया भी काफी सक्रिय हैं, जो वहां के लिट्टीपाडा, कुंजबोना, सिमलौंग, पकलो, लब्दाघाटी, चितलो फार्म, गम्हरिया, सुरमा, दराजमाठ के रास्ते से अवैध कोयला और लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं। इस संबंध में सहायक जिला खनन पदाधिकारी सुरेश शर्मा ने बताया कि उन्हें अवैध कोयला उत्खनन की कोई जानकारी नहीं है। अगर कोयला उत्खनन किया जा रहा है, तो जांच कर इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।