झारखंड
छठें दिन हुई मां कात्यायनी की आराधना, 27 को होगी मां कालरात्रि की वंदना
By Deshwani | Publish Date: 26/9/2017 2:46:57 PMरांची, (हि.स.)। शारदीय नवरात्र के छठें दिन मंगलवार को मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की गई। ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की आराधना से मनुष्यों को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इनका स्वरूप अत्यंत ही भव्य एवं दिव्य है। इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला और भास्वर है। इनकी चार भुजाएं हैं। मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था। इनका वाहन सिंह है।
मां के दर्शन को तरस रही भक्तों की मुराद पूरी हुई। जैसे ही शहर के कुछ पूजा पंडालों के पट खुले भक्तों ने मां के नयनाभिराम रूप के दर्शन किए। मां के जयकारे से पूजा पंडाल गूंज उठे। हालांकि शहर के अधिकतर पंडालों के पट सप्तमी को खुलेंगे। पूजा पंडालों की तैयारी अंतिम चरण में है। कारीगर दिन-रात काम में जुटे हुए हैं। पंडाल और प्रतिमा को सजाया और संवारा जा रहा है।
सातवीं शक्ति कालरात्रि की पूजा अर्चना बुधवार को होगी। मां कालरात्रि का शरीर घने अंधकार की तरह एकदम काला है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन यह अत्यंत शुभ फल देने वाली हैं। इसलिए इनका एक नाम शुभंकरी है। नवरात्रि की सप्तमी को मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। इनकी पूजा और आराधना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और दुखों का नाश होता है।