रांची। झारखंड की राजधानी की हाल के वर्षों की सबसे बड़ी जहरीली शराब त्रासदी में 15 लोगों की मौत के बाद प्रदेश में शराबबंदी की मांग तेज हो गयी है। जहरीली शराब की वजह से मरनेवाले लोगों के परिजनों ने गुरुवार को रांची के उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया. लोगों की मांग थी कि मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये।
इतना ही नहीं, मृतकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग के साथ-साथ कहा गया कि पढ़नेवाले बच्चों का खर्च सरकार उठाये. हालांकि, उपायुक्त ने उनकी सभी मांगों को खारिज कर दिया। लेकिन, आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से हर मृतक के परिजन को 20-20 हजार रुपये अनुदान राशि दी जायेगी।
अनुदान राशि के अलावा डीसी ने सभी परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि जिन लोगों की बेटी है, उनकी बेटी की शादी में सरकार के द्वारा तय प्रावधान के अनुरूप उन्हें सहायता दी जायेगी.
इससे पहले, सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के इरगू टोली के जिन लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन की वजह से हुई, उनके परिजनों के साथ उस क्षेत्र के लोगों ने डीसी ऑफिस के गेट पर जम कर सुबह 11 बजे से 12 बजे तक हंगामा किया. ये लोग डीसी से मुलाकात करने पर अड़े थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने गेट को बंद कर दिया।
बाद में डीसी मनोज कुमार ने 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को अपने कार्यालय में बुलाया और उनके साथ बातचीत की. प्रतिनिधिमंडल की मांगों पर उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को मानना संभव नहीं है। हां, सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को कुछ मदद दी जायेगी। डीसी से वार्ता के बाद लोग अपने घरों को लौट गये।