झारखंड
नारकीय जीवन जीने को मजबूर आदिम जाति के लोग
By Deshwani | Publish Date: 6/9/2017 5:14:13 PMरांची। झारखंड सरकार विलुप्त हो रही आदिम जाति के परिवारों के संरक्षण को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है पर झारखंड के लातेहार जिले के अति नक्सल प्रभावित गारू के कुजरूम गांव में रहने वाले सैकड़ों आदिम जाति के लोग फटेहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
कुजरूम झारखंड के मूल निवासी आदिम जाति का गांव है। इस गांव में सैकड़ों लोग रहते हैं। उस गांव की स्थिति काफी दयनीय है। गांव से कोई भी पक्की या कच्ची सड़क नहीं निकलती। लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए लगभग 12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
गांव में बने स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र न के बराबर ही खुलते हैं. जिसके कारण कुंजरूम गांव में रह रहे आदिम जनजाति के लोग सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाते। ग्रामीणों की मानें तो इस गांव में जन प्रतिनिधि भी इनकी फटेहाली पर राजनीति कर इनका वोट लेकर चुनाव भी जीत जाते हैं।
गौरतलब है की गांव में स्कूल भवन तो है पर इस स्कूल का ताला शिक्षक के मन से ही कभी- कभार खुलता है. गांव में इलाज के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है। यहां के लोग बीमार पड़ने पर झाड़ फूंक पर ही निर्भर रहते हैं। जिले के डीसी ने बताया कि सरकारी योजनाएं बनाई जा रही हैं और आमसभा कराई जाएगी और सभी योजना को चयनित कर विकास की रुपरेखा तैयार की जाएगी।