झारखंड
शहर में बढ़ रही वाहनों की भीड़, नहीं सुधर रहे जाम के हालात
By Deshwani | Publish Date: 27/8/2017 11:45:51 AMमेदिनीनगर, (हि.स.)। शहर में दो पहिया और चार पहिया वाहनों की भीड़ दिन ब दिन बढ़ रही है। पार्किंग की उपयुक्त व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहन जहां-तहां खड़े किए जा रहे हैं। नतीजा शहर में जाम के हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है। हालांकि समय-समय पर यातायात पुलिस एवं शहर थाना की पुलिस द्वारा वाहनों की पार्किंग सुनिश्चित कराने एवं जाम की स्थिति से छुटकारा दिलाने के प्रयास किए जाते रहे हैं। पुलिस द्वारा अभियान भी लगातार चलाए गए हैं, लेकिन दो चार दिनों बाद स्थिति जहां की तहां पहुंच जाती है। इसका कारण वाहन चालकों की लापरवाही एवं मनमानी को भी माना जाता है।
शहर में वाहनों की संख्या में हर दिन वृद्धि हो रही है। लेकिन पार्किंग का आभाव है इस कारण लोग सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर अपना काम करते हैं। उपर से ठेला और खोमचा के साथ-साथ फुटपाथी दुकाने वाले अलग सड़क का अतिक्रमण करते हैं। खासकर छहमुहान के बाद बाजार की ओर जाने वाली सड़क की स्थिति और खराब है। छहमुहान से धर्मशाला होते बाजार की ओर जाने वाली आधी सड़क ठेला-खोमचा वालों के कारण जाम रहती है। उपर से लोग अपनी बाइक एवं चार पहिया वाहन सड़क पर ही खड़ी कर देते हैं। इस कारण पैदल आने-जाने वालों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालांकि ठेला-खोमचा वालों की भी अपनी मजबूरी है। उनकी जीविका भी फुटपाथी दुकान से ही चलती है।
पुलिस के अभियान में इन दुकानों को हटा तो दिया जाता है लेकिन इनके लिए कोई स्थायी स्थान की व्यवस्था नहीं की जाती। नतीजा अभियान खत्म होते ही दुकानदार फुटपाथ पर ही अपनी दुकान फिर से लगाने को विवश होते हैं।
पिछले दिनों शहर थाना से लेकर अस्पताल चौक तक वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था सड़क के किनारे की गई थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह भी व्यवस्था कम पड़ गई है।
शहर थाना के अहाते के बाहर गंदगी का अम्बार लगा होने के कारण वहां कोई अपने वाहन को खड़ा नहीं करना चाहता। इस कारण थाने से आगे की पार्किंग में वाहन लगाने की जगह कम पड़ जाती है तो लोग सड़क पर ही अपना वाहन खड़ा करने को मजबूर हो जाते हैं। बाजार क्षेत्र की हालत और भी खराब है। जहां पैदल आना-जाना भी मुश्किल होता है। प्रधान डाकघर से बाजार की ओर जाने वाले इंजीनियरिंग रोड भी लगभग हर दिन जाम से हलकान रहती है। इस मार्ग में व्यवसायिक प्रतिष्ठान तो खोल दिए गए हैं लेकिन वाहनों के पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने का प्रभाव सड़क पर पड़ता है। बहरहाल प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद शहर की सड़कों पर लगने वाले जाम के हालात में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। जानकारों की माने तो इसके लिए पुलिस और पब्लिक दोनों को ही इमानदार प्रयास करने की जरूरत होगी।