बोकारो, (हि.स.)। देश के विभिन्न राज्यों से होने के बाद झारखंड में भी चोटीकटवा की अफवाह काफी फैलती जा रही है। इसी क्रम में बोकारो में भी इस आतंक के पांव पसरते जा रहे हैं। विगत 10 दिनों के भीतर इस तरह के दो मामले बोकारो जिले में सामने आये हैं। रविवार को ही बेरमो के ढ़ोरी में आबिदा खातून नामक महिला की चोटी कटने की घटना सामने आयी। परिजनों का कहना है कि वह दरवाजे पर बेहोश पड़ी थी और उसके बाल कटे हुये थे। उसे सीसीएल के ढ़ोरी केन्द्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। आबिदा जहां बेहोश पड़ी थी, वहां किसी ने कोई कीड़ा भी नहीं देखा। फिर किसने और कैसे उसकी चोटी काट दी, इसे लेकर इलाके में चर्चा और दहशत का माहौल गर्म हो गया है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत साड़म पश्चिमी पंचायत स्थित केवट टोला निवासी बसंती देवी के बाल कट गये थे।
बसंती दोपहर में बर्तन धो रही थी। उसी दौरान उसकी चोटी कट गयी और वह बेहोश हो गयी। उसे महसूस हुआ कि उसके गाल पर कोई कीड़ा बैठा हुआ है, उसने हाथ से कीड़ा को भगाया, लेकिन कीड़ा उसके बाल में घुस गया। उसे लगा कि कोई उसका बाल कुतर रहा है। जब तक वह बाल देखती, उसके बाल कटकर जमीन पर गिर गये। यह देखकर वह बेहोश हो गयी। बोकारो सहित राज्य के अन्य हिस्सो में भी इस तरह के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं। इसे लेकर प्रशासन भी काफी सतर्कता बरत रहा है। हाल ही में बोकारो के उपायुक्त राय महिमापत रे एक अलर्ट जारी करते हुए लोगों से एेसी अफवाहों में न पड़ने की अपील की है। इस तरह की खबरों से पुलिस महकमा भी परेशान हैं। दूसरी तरफ, महिलायें काफी दहशत में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह मामला अधिक देखा जा रहा है। चोटीकटवा अफवाह के बाद लोग इससे बचने के लिए कई तरह के नुस्खे अपना रहे हैं। कोई अपने घर में नीम व कैक्टस के पत्ते लगा रहा है तो कहीं हल्दी के छाप लगाये गये हैं। कही नींबू-मिर्चा, जूता, झाड़ी आदि लगा कर रखे जे रहे हैं।
चोटी कटने की कथ को लेकर अफवाहें ऐसी हैं कि सच्चाई लगातार रहस्यमयी ही होती दिख रही है। चिकित्सकों का कहना है कि चोटी कटने से बेहोश होना, बीमार होने या मौत से कोई संबंध नहीं है। चोटी कटने की अफवाह से लोग बेहोश हो रहे हैं। इसके पीछे कोई कारण नहीं है। दूसरी तरफ, इस तरह की घटना का कारण कीड़ा होने की बात भी अफवाह ही बतायी जा रही है। कीट-विज्ञान विशेषज्ञ बोकारो निवासी मिथिलेश द्विवेदी की मानें तो जीव-विज्ञान जगत में ऐसा कोई कीड़ा है ही नहीं, जो बाल कुतरता हो। खासकर, महिला को पहचान कर। इस तरह की बात शत-प्रतिशत अफवाह अमान्य है। कुत्ते तथा पक्षियों के बाल झड़ते हैं तो जूं लगने से, जो एक संक्रमण है, लेकिन इंसान का बाल कोई कीड़ा कुतर दे, यह लोगों का केवल एक मनोवैज्ञानिक भ्रम है।