खूंटी (हि.स.)। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को लेकर खूंटी जिला खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) होने के लिए लगातार प्रयासरत है। जिले की कई पंचायतें तो ओडीएफ हो भी चुकी हैं।
खूंटी नगर पंचायत के कई वार्ड को भी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। जिले का तोरपा प्रखंड ओडीएफ के लिए तैयार है लेकिन इसी प्रखंड के पांच सौ लोग अब भी खुले में शौच जाने को विवश हैं। प्रशासन ने मान लिया है कि तोरपा की सभी 16 पंचायतें ओडीएफ हो चुकी हैं। इस प्रखंड का एक भी परिवार खुले में शौच नहीं जाता, लेकिन वास्तविकता इससे इतर है। तोरपा पूर्वी पंचायत की एनएचपीसी कॉलोनी में रहने वाले लगभग पांच सौ लोग अब भी खुले में शौच के लिए विवष हैं। कोयल कारो परियोजना के बंद होने के बाद खाली पड़े अधिकांश क्वार्टर की ईंट तक चुरा लिए गए। कुछ दिनों के बाद लगभग एक सौ परिवार यहां के टूटे-फूटे आवासों की मरम्मत कर वहां अवैध रूप से रहने लगे, इसकी जानकारी स्थानीय प्रषासन को भी है।
लोगों ने रहने लायक मकान तो तैयार कर लिया, लेकिन किसी में शौचालय नहीं था। लोग खुले में शौच जाने लगे। इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के सहायक अभियंता एस दिनकर ने कहा कि अवैध रूप से रहने वालों को शौचालय किस तरह दिया जाए यह एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि एक तो प्रशासन को अवैध कब्जा हटाना पड़ेगा अथवा उन्हें खुले में शौच जाने से रोकने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ओडीएफ को लेकर दो बार पूरे प्रखंड का सर्वे कराया गया। विभाग ने मान लिया था कि एनएचपीसी काॅलोनी में रहने वाले लोग सरकारी व्यक्ति हैं और सरकारी क्वार्टर हैं, तो निष्चित रूप से शौचालय होगा फिर भी इस ओर गंभीरता से ध्यान देना होगा।
तीन बार टेंट-तंबू गाड़ और उखाड़ चुका है प्रशासन
तोरपा प्रखंड को ओडीएफ घोषित करने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, सिर्फ मुख्य अतिथि का इंतजार है। ओडीएफ की घोषणा के दौरान समारोह के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन तोरपा प्रखंड के ममरला गांव के स्कूल परिसर में तीन बार बांस-बल्ली गाड़ और उखाड़ चुका है। मुख्य अतिथि के समय न दे पाने के कारण जिला प्रशासन को हर बार तिथि में फेरबदल करना पड़ रहा है। जिला प्रषासन ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को समारोह के लिए बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है। राजभवन से इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी थी जिसके आधार पर तैयारी शुरू कर दी गई। तीन बार ममरला मैदान में टेंट-तंबू लगाने का काम शुरू किया गया, लेकिन उसे बंद कर दिया गया।