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झारखंड
एक्ट में संशोधन का मुद्दा अब खत्म : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 10/8/2017 7:56:02 PM
एक्ट में संशोधन का मुद्दा अब खत्म : रघुवर दास

सांची,  (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक अब खत्म हो गया है। इसलिये उस पर हाय तौबा करने की जरूरत नहीं है। दास ने सदन में इस मुद्दे को लेकर व्याप्त गतिरोध और हंगामे के बीच कहा कि यदि हम राज्यपाल द्वारा वापस किये गये बिल को सदन में लाते और फिर राजभवन भेजते तो इस पर चर्चा होती। लेकिन सरकार ने जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की बैठक में आये सुझावों के अनुरूप फैसला किया और अब सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक मर चुका है। इससे पूर्व राज्सपाल द्वारा लौटाये गये बिल को सदन में लाने, उस पर चर्चा कराने और उसे निरस्त करने की मांग को लेकर सदन मे भारी हंगामा हुआ। इसके चलते कार्यवाही 45 मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी। 

मानसून सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होने यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि संसदीय कार्यमंत्री के हवाले से अखबारों में खबर छपी है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में सशोधन का प्रस्ताव पूरी तरह वापस ले लिया गया है। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। सोरेन ने कहा कि सरकार को सदन में यह घोषणा करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने बिल लौटाते हुये इस पर पुनर्विचार करने को कहा है। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष की मांग है कि इसे पूरी तरह निरस्त किया जाये । सोरेन ने कहा कि उन्हें सरकार की मंशा पर संदेह है। उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन की तैयारी की ओर इशारा करते हुये कहा कि जब तक एक का समाधान नहीं हो जाता है, तब तक दूसरे पर चर्चा कैसे होगी। 
उन्होंने आसन से आग्रह किया कि वे सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहें। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि राज्यपाल का संदेश पढ़ कर सदन को सुना दिया गया है। संदेश स्पष्ट है। सरकार को फिर से विचार करने को कहा गया है। सरकार विचार करेगी । सरकार तय करेगी कि विधेयक लाना है या नही लाना है। इस पर झामुमो के स्टीफन मरांडी ने कहा कि सदन के बाहर कोई मंत्री कहे कि बिल वापस ले लिया गया है। इससे पूरे राज्य मे भ्रम फैल रहा है। मरांडी ने कहा कि उसी की जगह भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक घाव सूखा नहीं ओर दूसरे को कुरेदा जा रहा है। 
इस बीच भाजपा के मुख्य सचेतक राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि झामुमो के साथ यही दिक्कत है कि वह समय पर कोई विषय नहीं उठाती है। उन्होंने कहा कि कल जब सदन में बिल लौटाये जाने की सूचना दी गयी थी, उसी वक्त उन्हें यह मुद्दा उठाना चाहिये था। किशोर ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल अभी सदन में आया नहीं है, जब आयेगा तो वे इसका विरोध करेंगे। लेकिन झामुमो के सदस्य नहीं माने और वे अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुये वेल में आ गये। इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी अपने स्थान पर खड़े होकर सदन को बाधित करना बंद करो के नारे लगाने लगे। सत्ता पक्ष के एक सदस्य ने तो यह भी कहा कि इन्हे मार्शल आउट कराया जाये ओर सदन को चलाया जाये। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने एक बार फिर कहा कि वह चाहते हैं कि सदन चले। इसमें सभी सदस्यों का सहयोग चाहिये। 
इसके बाद स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी तरफ से कुछ कहना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन चले इससे सभी सहमत हैं। पिछले सत्र से सदन में जिस तरह हंगामा हो रहा है, उससे लोकतंत्र कलंकित हुआ है। उन्होंने कहा कि एक्ट में जो संशोधन हुये थे, वह यहां के लोगों के हित में हुये थे। सरकार अभी भी इस पर कायम है। लेकिन कुछ संगठनों ओर रष्ट्रविरोधी शक्तियों ने भ्रम फैलाया। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा मचा। यह पूछे जाने लगा कि कौन हैं वे राष्ट्रविरोधी। इसी बीच नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कह दिया कि झारखंड को बेचने वाला जेएमएम है। इससे मामला ओर गंभीर हो गया, जिससे स्पीकर ने कार्यवाही साढ़े बारह बजे दिन तक स्थगित कर दी। इससे पूर्व कांग्रेस के सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट हो गयी है। उन्होंने सरकार को एक्ट के एक-एक बिंदु पर बहस की चुनौती दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही झामुमो के मरांडी ने फिर बोलना शुरू किया। इसी बीच मुख्यमंत्री उठे और कहा कि सीएनटी-एसपीटी में संशोधन विधेयक अब खत्म हो गया है। इसलिए इस पर अब हाय तौबा करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद सदन में सामान्य रूप से काम हुआ।
 
 
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