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झारखंड
झारखंड की महिलाओं ने राज्य का मान बढ़ाया : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 4/8/2017 7:03:39 PM
झारखंड की महिलाओं ने राज्य का मान बढ़ाया : रघुवर दास

 रांची,  (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कृषि, पशुपालन और कुटीर उद्योगों में सखीमंडल की महिलाओं ने झारखंड का मान बढ़ाया है। आज झारखंड की महिलाओं का उदाहरण दूसरे राज्यों में दिया जा रहा है। राज्य विकास के पायदान पर अगले ढ़ाई वर्षों में देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा। दास शुक्रवार को नाबार्ड द्वारा आयोजित स्वयं सहायता समूहों के रजत जयंती समारोह और नाबार्ड बैंक लिंकेज कार्यक्रम में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह (सखी मंडल) ने झारखंड के ग्र्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नयी पहचान दी है। अगले चार वर्षों में झारखंड की गरीबी को समाप्त कर सभी नागरिकों को गरीबी रेखा से उपर लाना है। डेयरी फॉर्म तथा मत्स्य पालन एवं कुटीर उद्योगों में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। 32 हजार गांव में हमारे गांव समन्वयक 15-15 महिलाओं का सखीमंडल बनायेंगे, जिसे प्रशिक्षित कर रोजगार और बाजार से जोड़ा जायेगा। इस तरह राज्य के चार लाख 80 हजार कौशल युक्त महिलायें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोफेसनल तरीके से मजबूती प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर हमारे उत्पादों का बाजार व्यापक होगा। झारखंड ही नहीं हम अपने उत्पाद देश और विदेश में भेजेंगे। मेक इन झारखंड का सपना साकार होगा। राज्य में विभिन्न जिलों में कंबल, चादर तौलिया आदि केवल झारखंड की सखीमंडल द्वारा बनाये गये ही खरीदे जायेंगे। अगले वर्ष से हम बाबाधाम में सावन की आवश्यकता के अनुसार इतना खोवा तैयार करें कि बाहर से न मंगाना पड़े। उन्होंने कहा कि एक लाख स्वयं सहायता समूहों को डिजिटाइज किया जायेगा। उत्पादन में नयी तकनीक का उपयोग क्रांति ला सकता है। प्रत्येक छह माह पर सखीमंडलों और बैंकरो के साथ एक बैठक सरकार आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने यह माना था कि देश के करोड़ो गरीबों, शोषितों और वंचितों के उत्थान से ही देश का उत्थान होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी व्यापक सोच और विजन से देश की गरीबी दूर करने को अपनी सर्वोपरि प्राथमिकता बनाये हुये हैं। 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है जिन्होंने अंत्योदय का नारा दिया। हमारी सरकार ने भी गांव में बैठकर विकास की रूपरेखा तैयार की। आम बजट को आम लोगों का बजट बनाया। ग्रामीण परिवहन को मजबूत बनाने के लिये 364 बसें हमारे अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों तथा महिलाओं के द्वारा संचालित की जायेंगी। मौके पर अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने कहा कि सखीमंडलों को क्रेडिट और मार्केट लिंक से जोड़ने की आवश्यकता है। सामाजिक और आर्थिक रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने में स्वयं सहायता समूह की अहम भूमिका रही है। मौके पर नाबार्ड के सीजीएम एस मंडल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक पी बारला और जीएम एसएलबीसी प्रसाद जोशी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। 

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