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झारखंड
बच्चों में दिखता है भावी भारत : मुख्यमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 3/8/2017 6:12:39 PM
बच्चों में दिखता है भावी भारत : मुख्यमंत्री

रांची, (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बच्चों में ही भावी भारत दिखायी दे रहा है। जीवन की सहज उन्मुक्तता से ही विज्ञान के क्षेत्र में नई खोज की संभावना बनती है। विज्ञान से राष्ट्रीयता और आत्मनिर्भरता दोनों को बढ़ावा मिलता है।

विज्ञान के माध्यम से कृषि विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, नाभिकीय विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, ऊर्जा विज्ञान आदि के माध्यम से हम विज्ञान को हम जन-जन और गांव-गांव तक पहुंचा सकते हैं। दास ने गुरुवार को जवाहर विद्या मंदिर श्यामली में दो दिवसीय इसरो पब्लिक आउटरिच इवेंट एण्ड एक्जीबिशन और रोबोटिक लैब्रोटरी के उदघाटन के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी कड़ी में भारत सरकार ने स्कूलों में अटल टिंगकिंरग लैब की शुरुआत करने पर 10-10 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रुप में देने की घोषणा की है। सभी स्कूल इसमें बढ़-चढ़ कर भागीदार बनें। इससे विज्ञान को गांव-गांव तक पहुंचाने में मदद मिलेगी तथा हमारे देश में और डॉ जगदीश चंद्र बोस, डॉ. होमी जहांगीर भाभा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिक पैदा होंगे। 
उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरुरत है उसे निखारने की। इसी वर्ष हमारे वैज्ञानिकों ने एक साथ 104 उपग्रह का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण किया। इसमें अमेरिका की 96 सेटेलाइट के साथ ही छह देशों की सेटेलाइट शामिल थीं। भारत की भी एक सेटेलाइट का प्रक्षेपण किया गया। इसरो ने अपने कार्यक्रम के लिए पूर्वी भारत में रांची को चुना, इसके लिए इसरो का धन्यवाद। 
उन्होंने कहा कि पोखरन में परमाणु बम के सफल परीक्षण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी विज्ञान की महत्ता को देखते हुए जय जवान-जय किसान के नारे के साथ जय विज्ञान का नारा भी इसमें जोड़ा। कृषि वैज्ञानिकों के कारण हमारे देश में हरित क्रांति आयी। कृषि आधारित ग्रामीण उद्योग कैसे बढ़े इसकी चिंता हम सभी को करनी है। आधुनिक विज्ञान का उपयोग गांव में बैठे बच्चों की शिक्षा के लिए करना होगा।
उन्होंने कहा कि इससे मूल्य संवर्द्धन होने के साथ साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में भी विज्ञान ही सहायक साबित होगा। उन्होंने बच्चों और अभिभावकों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा रिसर्च आधारित शिक्षा पर ध्यान दें। परीक्षा को रटकर याद करने की बजाय ज्ञान व रचनात्मकता को पढ़ाई का आधार बनाना चाहिए।
मौके पर दास ने स्कूली बच्चों द्वारा प्रदर्शित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर सीएमडी अतुल भट, अंतरिक्ष विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव एस कुमारस्वामी, इसरो की उपनिदेशक सरला, जेवीएम श्यामली के प्राचार्य एके सिंह सहित काफी संख्या में स्कूल के शिक्षक, बच्चे, अभिभावक उपस्थित रहे।
 
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